कल से बदल जाएगा इंजीनियरिंग कॉलेजों का सिलेबस, प्रकाश जावड़ेकर करेंगे एेलान

Tuesday, Jan 23, 2018 - 05:35 PM (IST)

नई दिल्ली : देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में अब नए सिलेबस के हिसाब के से पढा़ई करवाई जाएगी। यह जानकारी अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के निदेशक डॉ अनिल सहस्रबुद्धे ने दी।केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर राजधानी दिल्ली में कल यानि 24 जनवरी को नया सिलेबस पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि आईआईटी संस्थानों को छोड़कर देशभर के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए नए सिलेबस को लागू करना अनिवार्य होगा और इसी के मुताबिक पढ़ाई होगी।नए शैक्षणिक सत्र 2018-19 से देशभर के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्टार्टअप कोर्स की शुरुआत की जाएगी।

शिक्षकों की मदद के लिए हैंडबुक
डॉ सहस्रबुद्धे ने कहा कि हैंडबुक शिक्षकों के नए सिलेबस को समझने में मदद करेगा और एक नई शिक्षा पद्धति का विकास होगा।  इसके अलावा शिक्षकों के लिए ट्रेनिंग सेशन चल रहे हैं और देश के अलग-अलग हिस्सों में कॉलेज प्रतिनिधियों के लिए वर्कशॉप आयोजित कराए जा रहे हैं। हर एक वर्कशॉप में 10 से 15 प्रमुख कॉलेजों के प्रतिनिधियों को बुलाया जाता है उन्हें अपने क्षेत्र के इंजीनियरिंग कॉलेजों के सिक्षकों के ट्रेनिंग देने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। एआईसीटीई को उम्मीद है कि एक साल के भीतर सभी शिक्षकों को ट्रेनिंग देने का काम पूरा हो जाएगा।  

 



 

नया सिलेबस पुराने से भिन्न होगा
डॉ सहस्रबुद्धे ने  बताया कि नया सिलेबस पुराने सिलेबस से भिन्न होगा। नए सिलेबस में इंजीनियरिंग और तकनीक के क्षेत्र में हुए नवीनतम सुधार, नई खोज और प्रगति को शामिल किया गया है, ताकि इसे इंडस्ट्री-ओरिएंटेड बनाया जा सके और छात्रों को नौकरी मिलने में आसानी हो। साथ ही बाजार की मांग के अनुरूप टैलेंट तैयार किए जा सकें। नए सिलेबस में थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिकल पर जोर होगा। छात्रों के लिए खास वर्कशॉप भी होंगे जिससे उन्हें पढ़ाई के बाद नौकरी में परेशानी नीं हो। उन्होंने बताया कि इन बदलावों को नए सिलेबस में शामिल करने और पुराने सिलेबस को संशोधित करने के लिए विशेषज्ञों की 11 समितियों ने दिन-रात काम किया।

स्टूडेंट्स के लिए तीन हफ्ते का ओरिएंटेशन प्रोग्राम होगा अनिवार्य
नए सिलेबस में इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए कक्षा के पहले तीन सप्ताह ओरिएंटेशन या इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन होगा। ओरिएंटेशन प्रोग्राम को छात्रों और कॉलेजों के लिए अनिवार्य बनाया गया है। इस दौरान उन्हें अंग्रेजी भाषा की खास ट्रेनिंग दी जाएगी और उनके सॉफ्ट स्किल्स को उभारा जाएगा। इसमें योग, सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं आदि आयोजित की जाएंगी। साथ ही छात्रों और शिक्षकों के बीच इंटरैक्शन होगा। 


 

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