NRIs को शिक्षण सेवाएं देने वाले संस्थान निर्यात प्रोत्साहन योजना के लिए पात्र

Monday, Oct 08, 2018 - 05:32 PM (IST)

नई दिल्ली: प्रवासी भारतीयों को शिक्षा दे रहे संस्थान वाणिज्य मंत्रालय की एसईआईएस योजना के तहत सेवा निर्यात प्रोत्साहन का दावा करने के हकदार होंगे।  भारत से सेवा निर्यात योजना (एसईआईएस) के तहत पात्र सेवा प्रदाता प्राप्त शुद्ध विदेशी मुद्रा पर शुल्क छूट पर्ची के हकदार होंगे।       

वाणिज्य मंत्रालय के अधीन आने वाला विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने कहा है कि उसे कारोबारी सदस्यों से आवेदन मिले हैं जिसमें प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को शैक्षणिक सेवाएं देने वाली कंपनियों को योजना के तहत लाभ के बारे में पात्रता को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया था।       

डीजीएफटी ने नीति परिपत्र में कहा, ‘‘एसईआईएस लाभ का दावा करने के संदर्भ में यह स्पष्ट किया जाता है कि भारतीय संस्थान अगर शैक्षणिक सेवाएं प्रवासी भारतीयों (विदेशी ग्राहकों में शामिल) को दे रहे हैं, वे विदेश व्यापार नीति के तहत एसईआईएस लाभ के पात्र हैं।’’  हालांकि अगर एनआरआई द्वारा प्रायोजित भारतीय छात्रों को सेवाएं दी जा रही है, तो संबंधित संस्थान लाभ के लिये पात्र नहीं होंगे। इसका कारण इस श्रेणी के छात्रों को विदेशी ग्राहक नहीं माना जा सकता। मंत्रालय वस्तुओं के साथ सेवा निर्यात को बढ़ावा देने के लिये कई कदम उठा रहा है। देश की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का योगदान 55 प्रतिशत से अधिक है। सेवा निर्यात 2016-17 में 160.7 अरब डालर रहा जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 154 अरब डालर था। 

pooja

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