5वीं-8वीं में बच्चे फेल हुए तो शिक्षक होगा जिम्मेदार

Monday, Jan 21, 2019 - 12:02 PM (IST)

गुड़गांवः 10वीं और 12वीं के गिरते परीक्षा परिणामों को देखते हुए 5वीं और 8वीं कक्षा में 33 पर्सेंट से कम अंक लाने वाले बच्चों को फेल किया जाएगा। बच्चे अगर फेल हुए तो जिम्मेदार शिक्षक होंगे। ऐसे में कमजोर बच्चों की तैयारी कराने के लिए एक्स्ट्रा क्लास लेने के आदेश दिए गए हैं। हालांकि 5वीं से नीचे और छठी से 9वीं तक के बच्चों पर इस आदेश का असर नहीं होगा। वार्षिक परीक्षा के परिणाम में ही यह नियम लागू किया जाएगा। वार्षिक परीक्षा में अभी डेढ़ महीने का समय बचा है। ऐसे में कमजोर बच्चों को एक्स्ट्रा क्लास लेकर तैयारी कराने के लिए कहा गया है। 

 

10वीं और 12वीं के रिजल्ट ने किया निराश 
2017-18 में पूरे प्रदेश में 10वीं का परिणाम मात्र 51.15 प्रतिशत रहा, जबकि 2016- 2017 में 50.49 पर्सेंट और 2016 में 48.88 पर्सेंट था। 2017-18 में पूरे हरियाणा बोर्ड का 12वीं का परिणाम 63.84 फीसदी रहा, जबकि गत वर्ष यह परिणाम 64.50, 2016 में 62.40 और 2015 में सबसे कम 53.87 फीसदी था। पिछले साल गुड़गांव 10वीं के रिजल्ट में 15वें और 12वीं में 18वें नंबर पर रहा था। गुड़गांव के खेटावास स्थित सरकारी स्कूल में 3 स्टूडेंट्स पास हुए थे। वहीं ग्वाल पहाड़ी सरकारी स्कूल में भी 15 में से केवल 6 छात्र हुए पास थे। 

 

'फेल होने का खौफ बनाएगा होनहार' 
प्राथमिक शिक्षक संगठन के राष्ट्रीय सचिव विनोद ठाकरान ने बताया कि शिक्षक लंबे समय से इस नियम की मांग कर रहे थे। छात्रों के मन में फेल होने का खौफ होगा, तभी वे गंभीरता से पढ़ाई करेंगे और परीक्षा भी देंगे। प्रदेश अध्यक्ष तरुण सुहाग ने बताया कि यह नियम सरकारी स्कूलों का शिक्षा स्तर और बेहतर करेगा। बच्चों के मन में डर रहेगा कि उन्हें पास होना है और शिक्षक भी बच्चों पर अधिक मेहनत करेंगे। 

Sonia Goswami

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