IIT को खुले हाथों से डोनेशन दे रहे पूर्व छात्र

Tuesday, Jan 15, 2019 - 02:10 PM (IST)

एजुकेशन डेस्कः देश के पांच टॉप आईआईटी को पूर्व छात्रों की ओर से मिलने वाले डोनेशन का आंकड़ा इस वित्त वर्ष के अंत तक 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा हो सकता है। ये जाने-माने संस्थान फंडिंग के इस जरिए का अधिक से अधिक फायदा लेना चाहते हैं। वहीं अच्छी नौकरियां कर रहे पूर्व छात्र भी अपने संस्थानों की खुले हाथ से मदद कर रहे हैं। मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, खड़गपुर और कानपुर के आईआईटी के अधिकारियों ने बताया कि इस रकम का काफी हिस्सा पिछले चार-पांच वर्षों में आया है।

 

1993 बैच के छात्रों से पिछले महीने 25 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड फंडिंग कमिटमेंट पाने वाले आईआईटी बॉम्बे के डायरेक्टर देवांग खाखर ने कहा, 'यह ट्रेंड जोर पकड़ रहा है। पूर्व छात्र अपने जीवन में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। वे कृतज्ञता जताने के लिए अपने संस्थानों को पैसा दे रहे हैं।' आईआईटी मद्रास में इंटरनेशनल अफेयर्स और एलुमिनाई अफेयर्स के डीन महेश पंचागनुला ने कहा कि पहली बार डोनेशन देने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि ऐवरेज कॉन्ट्रिब्यूशन भी बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि पूर्व छात्रों से मिले फंड का उपयोग ऐसे विशेष कार्यों में किया जा सकता है, जो सरकारी फंडिंग से कवर नहीं होते हैं।

 

आईआईटी मद्रास ने कहा कि उसके पास कुल 220 करोड़ रुपए का एंडोमेंट है और उसने पांच साल में इसे बढ़ाकर 1000 करोड़ करने का लक्ष्य तय किया है। इसने अमेरिका और कुछ अन्य देशों में पूर्व छात्रों से संपर्क मजबूत करने और पैसा जुटाने के लिए डिवेलपमेंट ऑफिस खोले हैं। मुंबई, दिल्ली और कानपुर के आईआईटी ने कहा कि उनमें से हर एक के पास 200-250 करोड़ रुपए का एंडोमेंट है। आईआईटी खड़गपुर ने यह नहीं बताया कि उसने पूर्व छात्रों से कितना पैसा जुटाया है।

 

आईआईटी दिल्ली में फंड जुटाने के लिए एक एलुमिनाई बोर्ड बनाया गया है। यहां 2018-19 में फंडिंग कमिटमेंट 20 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। आईआईटी दिल्ली में एलुमिनाई अफेयर्स और इंटरनेशनल प्रोग्राम्स के डीन संजीव सांघी ने कहा, 'हमारे पूर्व छात्रों में सफल लीडर, रिसर्चर और कॉरपोरेट शामिल हैं। हालांकि हम उनके इनपुट्स का पर्याप्त उपयोग नहीं कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि वे हमारा सिस्टम ज्यादा डायनेमिक बनाने में ज्यादा भागीदारी करें।'

 

ये आईआईटी जुटाई गई रकम का उपयोग छात्रों को ग्रांट और स्कॉलरशिप देने, चेयर प्रोफेसरशिप्स के एंडोमेंट के अलावा स्पोर्ट्स स्टेडियम, इनोवेशन सेंटर और हॉस्टल जैसा इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में कर रहे हैं। साथ ही, वे इसी रकम से छात्रों को सम्मेलनों में भाग लेने के लिए विदेश भेज रहे हैं और सक्षम छात्रों को उद्यमी बनने में मदद कर रहे हैं। आईआईटी दिल्ली से पढ़े और रेटिंग एजेंसी इकरा के चेयरमैन अरुण दुग्गल ने कहा, 'आईआईटी के छात्रों में अपने संस्थान की मदद करने का जज्बा बहुत मजबूत है।' पिछले साल फरवरी में दुग्गल ने आईआईटी दिल्ली में एयर पॉल्यूशन पर रिसर्च सेंटर बनाने के लिए 5 करोड़ रुपए दिए थे।

Sonia Goswami

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