वामकाल के स्कूली पाठ्यक्रम के स्थान पर एनसीईआरटी पैटर्न का मार्ग प्रशस्त

Saturday, Dec 29, 2018 - 11:29 AM (IST)

अगरतलाः त्रिपुरा सरकार ने अप्रैल 2019 से शुरू हो रहे नए अकादमिक सत्र से सभी सरकारी और वित्तपोषित विद्यालयों में वाममोर्चा काल के स्कूली पाठ्यक्रम के स्थान पर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) पाठ्यक्रम लागू करने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।  बृहस्पतिवार को देर शाम राज्य मंत्रिमंडल ने अपनी एक बैठक में पाठ्यक्रम बदलने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी प्रदान की।

 

भाजपा- इंडिजीनियस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी)गठबंधन सरकार ने मार्च में सत्तासीन होने के शीघ्र बाद ही स्कूली पाठ्यक्रम की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनायी थी। यह गठबंधन 25 साल के वाम शासन को अपदस्थ कर सत्ता में आया था। 


 शिक्षा मंत्री रतन लाल नाथ ने संवाददाताओं से कहा कि इस बदलाव से राज्य के विद्यार्थी अन्य राज्यों के विद्यार्थियों के बराबर प्रतिस्पर्धी हो सकेंगे । इस पाठ्यक्रम परिवर्तन से राज्य की शिक्षा राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचेगी।  मंत्री ने इससे पहले आरोप लगाया था कि वाममोर्चा सरकार विद्यार्थियों को गलत पाठ पढ़ाकर स्कूली पाठ्यक्रम के सांप्रदायीकरण में लगी थी।     

 

उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग पहले ही दो लाख से ज्यादा नई किताबें खरीद चुका है और 64 हजार किताबें भी जल्द ही राज्य में पहुंचाई जाएंगी।  भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने राज्य के विद्यालयों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किये जाने की सिफारिश की थी। उसने सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रमों के क्रियान्वयन का भी सुझाव दिया था।   
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Sonia Goswami

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