आधा शिक्षा सत्र बीता, नहीं शुरू हुई स्मार्ट क्लासें

Saturday, Nov 03, 2018 - 02:58 PM (IST)

इंदौरः सरकारी शिक्षण संस्थाओं में शिक्षा का स्तर बेहतर बनाने के लिए सर्वशिक्षा अभियान के तहत चयनित मिडिल स्कूलों में स्मार्ट कक्षाएं शुरू होना था। संस्थाओं ने उपकरण व अन्य सामान भी पहुंचाया गया। आधा सत्र बीतने के बाद भी अब तक स्मार्ट कक्षाओं का संचालन शुरू नहीं हो सका है। 

नीमच, जावद, मनासा ब्लॉक में 372 मिडिल स्कूल में से 27 स्कूलों में स्मार्ट कक्षाएं शुरू होना थी। लेकिन 20 फीसदी स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं का संचालन हो रहा है। इनमें एलसीडी, लेपटॉप व अन्य उपकरण काफी समय पहले से धूल खा रहे हैं। इन क्लासों में एलईडी, लेपटॉप, यूपीएस और बैटरी सहित अन्य उपकरण तो लग चुके हैं। सीडी और इंटरनेट कनेक्शन की व्यवस्था नहीं है। विभाग ने कनेक्शन भी नहीं दिया है। इस कारण बच्चे टीवी पर प्रसारित ज्ञानवर्धक कार्यक्रम नहीं देख पा रहे हैं। 

दो साल में विभाग इस योजना के तहत एलईडी, लेपटॉप, बैटरी और यूपीएस की खरीदारी पर 20.23 करोड़ और क्लास रूम के डेकोरेशन पर करीब 3 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है। हेड स्टार्ट योजना की तरह स्मार्ट क्लास योजना फेल साबित हो रही है। स्कूल प्रबंधन उपकरणों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। दीवार पर लटकी एलईडी को पॉलीथिन से ढंका गया है। क्योंकि रूम की छत से बारिश का पानी टपक रहा है, तो रूम में छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। इस कारण ज्यादातर स्कूलों के स्मार्ट क्लास रूम स्टोर रूम बनकर रह गए हैं। यही वजह है कि स्कूलों अन्य गैर जरूरी सामान इन क्लासों में पटक दिया है।

 स्कूलों में स्मार्ट क्लास के लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने 42 इंच का एलईडी, यूपीएस, चार बैटरी और लेपटॉप दिया है। इस पर 1.40 लाख रुपए खर्च किए गए। अनदेखी के कारण यह उपकरण धूल खा रहे है। इसके अलावा कक्ष की साज-सज्जा पर 20 से 50 हजार रुपए तक खर्च किए गए हैं। डीपीएस पीएस गोयल ने कहा स्मार्ट कक्षाओं के नियमित संचालन के लिए पूर्व में भी संबंधित प्राचार्यों को निर्देशित कर चुके हैं। इसके बाद भी यदि स्मार्ट कक्षाएं समय नहीं लग रही है तो कार्रवाई करेंगे। 
 

Sonia Goswami

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