8 राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने किया Happiness Class का दौरा

punjabkesari.in Wednesday, Jul 31, 2019 - 03:29 PM (IST)

नई दिल्ली: सभी राज्यों को दिल्ली के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था से सीख लेनी चाहिए। यह बात दिल्ली सरकार के स्कूलों में चल रहे हैप्पीनेस उत्सव में पहुंचे विभिन्न राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने कही। मंगलवार को पुडुचेरी के शिक्षा मंत्री आर कमलकानन, मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी, मणिपुर के शिक्षा मंत्री टोकछोम राधेश्याम, नागालैंड के शिक्षा मंत्री तोकुघा सुखलू और लद्दाख एजूकेशन काउंसिल के एक्जीक्यूटिव कोंचोक स्टेनजिन दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ सर्वोदय कन्या स्कूल आरके पुरम और सर्वोदय सीनियर सेकेंडरी स्कूल नानकपुरम पहुंचे और हैप्पीनेस उत्सव में शामिल हुए। 

PunjabKesari

यहां उन्होंने बच्चों से बातचीत की और हैप्पीनेस क्लास की खूबियों को करीब से जाना। इस अवसर पर लदाख एजूकेशन काउंसिल के एक्सक्यूटिव कोंचोक स्टेनजिन ने दिल्ली सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार शिक्षा पर फोकस कर रही है। अन्य सभी राज्य अगर इसी तरह शिक्षा के क्षेत्र पर फोकस करें तो देश के शिक्षा के स्तर के विकास होगा। हैप्पीनेस क्लास के अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की व्यवस्था का प्रयास वह लद्दाख में भी करने का प्रयास करेंगे। 

PunjabKesari

पुडुचेरी में भी चालू हो सकती हैं हैप्पीनेस क्लास 
पुदुचेरी के शिक्षा मंत्री आर कमलकानन ने भी इस तरह की क्लास की सराहना करते हुए कहा कि वह दिल्ली सरकार के साथ मिलकर पांडुचेरी में भी इस तरह की व्यवस्था लागू करने का प्रयास करेंगे। अगले शैक्षणिक सत्र में, हम निश्चित रूप से पुदुचेरी में पाठ्यक्रम को लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया जो कर रहे हैं वह बहुत ही नया है और इसे पूरे भारत में दोहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए बहुत जल्द दोनों राज्य सरकारों के बीच एमओयू फाइनल हो सकता सरकारी स्कूलों की है।

ओडिशा के शिक्षामंत्री समीर रंजन दास ने कहा, ''दिल्ली सरकार का जो हैप्पीनेस करिकुलम का कार्यक्रम है इसमे मैंने आज नोटिस किया कि बच्चे इससे खुश हैं। बच्चे बता रहे हैं कि पहले हम बहुत तनाव में रहते थे, बहुत समस्या होती थी लेकिन अब पढ़ाई में कंसंट्रेशन बढ़ रहा है। हम अपने मुख्यमंत्री से बात करने के बाद इस बारे में देखेंगे और सोचेंगे कि कैसे इसको लागू किया जा सकता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Author

Riya bawa

Recommended News

Related News