दान के नाम पर इतिहास रचने वाले इस शख्स का नाम आपकी प्रतियोगी परीक्षा का बन सकता है प्रश्न

Saturday, Jun 23, 2018 - 02:56 PM (IST)

जालंधरः प्रतियोगी परीक्षा हर कोई देता है लेकिन उसमें पूछे जानें वाले सवालों के बारे में कोई नहीं जानता कि प्रश्न पत्र में आएगा क्या। लेकिन पंजाब केसरी परीक्षा का कोना आपके लिए हर रोज इन सवालों से संबंधित एक टिप्स लेकर आता है जिन्हें आप माईंड में रख अपनी परीक्षा को आसान बना सकते हैं। 

 

भगत पूरन सिंह जी का नाम आज इतिहास के पन्नों में काफी मश्हूर है क्योंकि दान के नाम पर इन्होंने इतिहास रच दिया। एक घटना ने इनके पूरे जीवन को बदल कर रख दिया। जिन कुष्ठ रोगियों को देख हम घृणा करते हैं उन्हीं कुष्ठ रोगियों तथा लाचार लोगों के लिए उन्होंने अपना जीवन दाव पर लगा दिया। हाल ही में इनके जीवन से संबंधित मूवी 'यह जन्म तुम्हारे लेखे' भी बनी जिसे देख आप इनके बारे में और भी गहराई से जान पाएंगे। और ये भी समझ पाएंगे के त्याग से बड़ा पुन्य कोई है ही नहीं।


ये प्रश्न बन सकते हैं परीक्षा के सवाल
1.भगत पूरन सिंह का जन्म 4 जून 1904 को लुधियाना क्षेत्र के गांव राजेवाल (रोहनो) नजदीक खन्ना में हुआ। इन्हें बच्पन में रामजी दास कहा जाता था।
2. इनकी माता का नाम महताब कौर तथा पिता छिब्बू मल थे । पिता शाहूकारा करते थे। आप की माता धार्मिक खयालों वाली औरत थी।
3. इनकी माता डाक्टर के घर में बर्तन धोने का काम करती थीं। 
4.सन 1923 में आप ने लुधियाना में दसवीं की परीक्षा दी।
5.भगत पूरन सिंह  मस्जिद साहब लाहौर सेवा करते रहे। 
6.पिंगलवाड़ा अमृतसर के संस्थापक भगत पूरन सिंह थे। 
7.भक्त जी वृक्ष लगाने और वृक्ष बचाने की बात करते थे।
8.पिंगलवाड़े में लिखने या छपाई का काम चलता था।
9. भगत पूरन सिंह दान मांग कर लोक सेवा करते थे।
10.आज भी धार्मिक स्थानों पर पिंगलवाड़ा संस्था की तरफ से मुफ़्त साहित्य बांटा जाता है। 
11. सन 1958 को अमृतसर में पिंगलवाड़ा संस्था की शुरूआत हुई। आज इस संस्था की अमृतसर,जालंधर, संगरूर, मानावाला, पलसौरा और गोइन्दवाल ब्रांचों में 1200 के करीब लावारिस मरीज दाखिल हैं।   

 


 

Sonia Goswami

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