किताब, वर्दी ना देने वाले स्कूलों पर शिक्षा विभाग करेगा केस

Thursday, Jan 24, 2019 - 11:55 AM (IST)

नई दिल्ली: शिक्षा निदेशालय द्वारा 21 जनवरी 2019 को जारी किए गए एक सर्कुलर के अनुसार सरकार अब ऐसे स्कूलों के विरुद्ध आपराधिक मुकदमे करायेगी, जिन्होंने ई.डब्ल्यू.एस./डी.जी. कैटेगरी के बच्चों को मुफ्त में कापी-किताबें, जूते-जुराब व वर्दी आदि नहीं दी। बता दूं कि पिछले एक महीने से 300 से ज्यादा दिल्ली के गैर सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त स्कूलों को शिक्षा निदेशालय मान्यता रद्द करने के लिए कारण बताओ नोटिस भेज चुका है। जिससे स्कूलों के साथ-साथ फीस देकर पढऩे वाले बच्चों के अभिभावक भी परेशान हैं। निदेशालय पहले ही द्वारका के माउंट कार्मेल व रोहिणी के जय दुर्गा पब्लिक स्कूल की माान्यता रद्द करके हजारों बच्चों के अभिभावकों के सामने संकट खड़ा कर चुका है।

 

इस मामले पर दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल्स मैनेजमेंट एसो. के अध्यक्ष आर.सी. जैन ने बताया कि पहले ही  ‘कारण बताओ नोटिस’ को लेकर स्कूल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा चुके हैं, क्योंकि स्कू ल प्रबंधन फीस देने वाले अभिभावकों पर और अधिक बोझ डालकर महंगी होती शिक्षा को और महंगा नहीं करना चाहते।

 

7वें वेतन आयोग के आने के बाद स्कूल फीस बढ़ी है लेकिन सरकार ने स्कूलों में उचित रीईम्बर्समेंट नहीं किया। अगर सरकार द्वारा किए गए रीईम्बर्समेंट की बात की जाए तो शिक्षा सत्र 2010-11 से 2012-13 तक 1190 रुपए प्रतिमाह, 2013-14 से 2014-15 में 1290 रुपए प्रतिमाह, 2015-16 से 2017-18 तक 1598 रुपए प्रतिमाह की ही फीस रीईम्बर्स की जाती थी। 4 जुलाई 2018 को शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में पहली बार नर्सरी से 5वीं तक 1100 रुपए व कक्षा छठी से आठवीं तक 1400 रुपए प्रतिवर्ष ई.डब्ल्यू.एस./डी.जी. के बच्चों को वर्दी का देने का प्रावधान रखा है जबकि 2225 रुपए प्रतिमाह नर्सरी से पांचवी तथा 2242 रुपए प्रतिमाह छठी से आठवीं तक फीस रिइम्बर्स करने का आदेश प्रावधान है।

pooja

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