''शिक्षा ऐसा हथियार जिससे बदली जा सकती है दुनिया''

Saturday, Jun 30, 2018 - 04:36 PM (IST)

जबलपुर: उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने आज कहा कि शिक्षा ऐसा हथियार है, जिससे दुनिया को बदला सा सकता है।  मुख्य न्यायाधीश श्री मिश्रा मध्यप्रदेश के जबलपुर के मानस भवन में आयोजित गरिमापूर्ण कार्यक्रम में धर्मशास्त्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।  इस अवसर पर केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता, पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन, न्यायाधीश आर एस झा और विधि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बलराज चौहान मंचासीन थे। 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री मिश्रा ने कहा कि अंधेरा चाहे जितना गहरा हो लेकिन रोशनी उसे खत्म कर देती है।  उन्होंने यूनाइटेड किंगडम की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि सलीके व कायदे से नहीं आने पर एक जज ने अधिवक्ता को डांटा था। विश्वविद्यालय में आने वाले सभी छात्रों को सलीके व कायदे का पालन करना चाहिए।  महाभारत की घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कर्ण एक बहादुर योद्धा था, लेकिन परशुराम से श्रेष्ठ शिक्षा प्राप्त करने के लिए उसने खुद को ब्राह्मण बताया था। शिक्षा प्राप्त करने के लिए कर्ण को अपना आदर्श मानना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश  ने कहा कि चाणक्य का सिद्धांत है कि खुद मेहनत करो, स्वस्थ रहो और अधिक धन अर्जित करो, लेकिन धन ईमानदारी से अर्जित किया जाए। विधि शिक्षा को कला एवं विज्ञान का संगम बताते हुए उन्होंने कहा कि विधि विवविद्यालय में छात्रों को कानूनी ज्ञान मिलेगा, जिसे पाने के बाद वह कानून के श्रेष्ठ जानकार बनेंगे। वे स्वयं सेवानिवृत्ति के बाद अवसर मिलने पर इस विश्वविद्यालय में छात्र छात्राओं को पढ़ाने आएंगे।  

 

केन्द्रीय कानून मंत्री श्री प्रसाद ने कहा कि देश में 1200 लॉ कॉलेज और 23 विधि विवविद्यालय हैं। विधि विश्वविद्यालय की शुरुआत श्री माधव मेनन ने बेंगलुरू से की थी। वहां शुरू हुआ यह सिलसिला जारी है। वर्तमान में युवा वर्ग आईटी और लॉ के क्षेत्र में जा रहा है। शिक्षा में गुणवत्ता आई है और छात्र शोध करते हैं। 

Sonia Goswami

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