शिक्षक भर्तीः 20 करोड़ रुपए सरकार ने वापस नहीं किए

Thursday, Nov 08, 2018 - 11:57 AM (IST)

लखनऊः बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती के लिए दिसंबर 2012 में लिए गए आवेदन की फीस वापसी तो हो रही है। लेकिन इससे पूर्व में लिए गए आवेदन में भी अतिरिक्त शुल्क लिया गया था जो सात साल बीतने के बावजूद वापस नहीं किया गया। एक अनुमान के मुताबिक अभ्यर्थियों के तकरीबन 20 करोड़ रुपए सरकार ने वापस नहीं किए।

मायावती की सरकार में जब 30 नवंबर 2011 को टीईटी के आधार पर चयन के लिए विज्ञापन निकला तो उसमें व्यवस्था थी कि कोई अभ्यर्थी केवल पांच जिलों में आवेदन कर सकेगा। प्रत्येक जनपद के लिए 500-500 रुपए का शुल्क चालान के माध्यम से लिया गया। परीक्षा में सफल तकरीबन दो लाख अभ्यर्थियों ने 500-500 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट लगाकर पांच जिलों में आवेदन किया।

 
इसी बीच हाईकोर्ट ने पांच जनपदों की बाध्यता को खारिज कर दिया और सभी जनपदों में आवेदन की छूट प्रदान की। तब सरकार ने निर्णय लिया था कि अभ्यर्थी सभी जिलों में आवेदन कर सकते है और इसके लिए उनसे शुल्क नहीं लेंगे। यानि एक ही जिले के शुल्क पर सभी जिलों में आवेदन मान्य कर लिए गए। यह भी घोषणा हुई की छात्रों से केवल 500 रुपए की एक डिमांड ड्राफ्ट ली जाएगी।

 

बाकी उनका पहले से जमा चार अतिरिक्त डिमांड ड्राफ्ट का 2000-2000 हजार रुपया वापस कर दिया जाएगा। अखिलेश सरकार ने उस शुल्क वापसी की अधिसूचना जारी कर आवेदन भी लिया था लेकिन फीस वापस नहीं हो सकी। अब जबकि 2012 की 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती के आवेदन की फीस वापसी हो रही है तो अभ्यर्थी 2011 की फीस वापसी की मांग भी उठा रहे हैं।

Sonia Goswami

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