लाखों पंजाबियों के रहते दिल्ली में पंजाबी भाषा की हालत दयनीय

Friday, Dec 28, 2018 - 05:08 PM (IST)

नई दिल्ली (सुरिंदर सैनी): पंजाब के बाद देश की राजधानी दिल्ली में सबसे ज्यादा पंजाबी बसे हुए हैं और दिल्ली में पंजाबी  भाषा को दूसरी भाषा  का दर्जा  दिया गया है लेकिन यहां पर पंजाबी को लेकर जो हालात देखे जातें उससे लगता है कि ये बात केवल कागजों तक ही सीमित रह गई है। 

दिल्ली में दूसरी भाषा पंजाबी होने के कारण सरकारी दफ्तरों में लगे दिशा-निर्देश बोर्ड पंजाबी भाषा में सरकार के कहने पर लगाए गए हैं लेकिन इस बोर्ड़ों पर जो भाषा लिखी है उसमें ढेर सारीं गलतियां नजर आती है जिसे देखकर सरकार की लापरवाही साफ दिखाई देती है। दिल्ली के बहुत सारे निर्देश सूचक में हिंदी, इंग्लिश, उर्दू के अलावा पंजाबी को स्थान मिला है इसके बावजूद जो शब्द लिखे गए हैं उनके कोई माइने नजर नहीं आते।

उदाहरण के तौर पर दिल्ली में एक सड़क का नाम कामा कोटी मार्ग है। पर पंजाबी में लिखने पर कासा कोटी मार्ग लिखा गया है। ऐसे ही एक रोड का नाम चर्च रोड है। पंजाबी में इसे गिरजा रेड बना दिया गया है। 

इस संबंध में समाज कल्याण मंच के प्रमुख बलविंदर सिंह के साथ बातचीत के दौरान पता चला कि दिल्ली में पंजाबी लोग गलतियों को नजरअंदाज किए हुए हैं। अगर संबंधित विभागों को पत्र लिखकर गलतियों की तरफ ध्यान दिलाया जाए तो इसमें सुधार हो सकता है। दिल्ली में कई गैर सरकारी संस्थाएं और लोकल संस्थाएं हैं जिन्हें मिलकर सरकार को पंजाबी की तरह ध्यान दिलाना चाहिए  और पंजाबी भाषा के प्रसार में आगे आना चाहिए। 


 

pooja

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