डीयू शिक्षकों के मार्च पर पानी की बौछार, कई को आईं चोटें

Wednesday, Dec 11, 2019 - 11:22 AM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने मंगलवार को समायोजन और अन्य मुद्दों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ धरना स्थल से माल रोड तक पैदल मार्च किया। माल रोड पर प्रदर्शनकारी शिक्षकों को रोकने के लिए पुलिस द्वारा बैरिकेटिंग की गई थी और जब शिक्षक एसओएल की तरफ बढऩे लगे तो पुलिस ने बल प्रयोग किया। वहां से शिक्षक सोशल वर्क की तरफ बढ़े तो वहां वाटर केनन का प्रयोग किया गया,जिसमें कई शिक्षकों को चोट आई है। इसके बाद शिक्षकों ने दोबारा माल रोड पर पहुंच नारेबाजी की।  

पैदल मार्च में शामिल शिक्षकों ने जमकर नारेबाजी कर अपना रोष प्रकट किया। शिक्षकों की मांग है कि जो शिक्षक जहां तदर्थ के रूप में पढ़ा रहे हैं वहां उस तदर्थ साथी को समायोजित किया जाए, साथ ही प्रोमोशन भी किया जाए। लंबे समय से प्रमोशन नहीं हो रहा है उसे यथाशीघ्र प्रोमोशन दिया जाए। इसके लिए डूटा पहले भी धरना-प्रदर्शन कर चुकी है। प्रशासन तथा सरकार की मनमानियों के चलते हो रही समस्याओं को लेकर हजारों की संख्या में दिल्लीविश्वविद्यालय के शिक्षकों ने अपनी मांगों के साथ प्रदर्शन किया और वीसी के खिलाफ नारेबाजी की। 

शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष डॉ आलोक रंजन पांडेय ने कहा कि मंगलवार को डीयू के शिक्षकों ने जिस हौसले को दिखाया है उसे क्रांतिकारी सलाम। इस प्रदर्शन का अहम मुद्दा एडहोक शिक्षकों का समायोजन है। डीयू में पढ़ा रहे 4000 से अधिक शिक्षक अपनी स्थायी नियुक्ति को लेकर परेशान हैं जिसका हल वन टाइम रेगुलेशन लाकर एबजार्बशन के द्वारा ही संभव है। 

यह समायोजन केवल नौकरी न होकर उनके जीवन-यापन का सवाल बन गया है। इस आंदोलन में जिस तरह से इन साथियों ने जज्बा दिखाया है उससे यह लगता है कि इस बार समायोजन के मुद्दे पर कुछ निर्णायक हल निकलेगा। इसी तरह लंबे समय से प्रोमोशन नहीं हो रहा है जिसका जिम्मेदार कुछ हद तक वीसी है जिन्हें यथाशीघ्र हटाया जाए। यदि सरकार के कानों में जूं नहीं रेंगती है तो हम और सशक्त आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।        
     


 

Riya bawa

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