DU नहीं यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया में पढ़ना चाहती है सीबीएसई की टॉपर मेघना

Monday, May 28, 2018 - 12:54 PM (IST)

नई दिल्ली : 12वीं के परीक्षा परिणामों की घोषणा होने के बाद ज्यादातर स्टूडेंट्स कॉलेजों में दाखिले के लिए दौड़ लगा रहे है। हर कोई बस यहीं चाहता है कि उसका एडमिशन किसी अच्छे कॉलेज या यूनिवर्सिटी में हो जाए । दिल्ली यूनिवर्सिटी में  दाखिले के लिए आवेदकों की संख्या 2 लाख से पार हो चुकी है । लेकिन सीबीएसई 12वीं की टॉपर मेघना श्रीवास्तव दिल्ली यूनिवर्सिटी में  एडमिशन लेने की कोई इच्छा नहीं  रखती , क्योंकि उनका कहना है कि नंबर का वास्तव में कोई फर्क नहीं पड़ता । इससे सिर्फ अच्छे कॉलेजों में दाखिले का रास्ता खुल जाता है।  मुझे पता है कि रिजल्ट को लेकर स्टूडेंट्स इतना परेशान क्यों रहते है। 

दिल्ली यूनिवर्सिटी का कटऑफ काफी हाई होता है और डीयू में दाखिला लेने के लिए हर किसी को यह सुनिश्चित करना पड़ता है कि उनकी हाई पर्सेंटेज आए। लेकिन उसके आगे क्या? क्या उसके बाद भी नंबर कोई मायने रखता है? मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी नहीं जाना चाहती हूं और इसके पीछे मेरा अपना कारण है। दिल्ली यूनिवर्सिटी कभी मेरे प्लान का हिस्सा नहीं रही। मैं साइकॉलजी की पढ़ाई करना चाहती हूं और मैं यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया (यूबीसी) , कनाडा जाऊंगी। इतने मार्क्स लाकर भी मेरा प्लान नहीं बदला है।' 



बोर्ड एग्जाम्स को किया जाता है ओवररेट 
मेघना का कहना है कि जब इकनॉमिक्स का पेपर लीक हुआ था तो वह अपसेट थीं क्योंकि दोबारा परीक्षा देनी पड़ी थी। लेकिन अब उनको बुरा नहीं लगता है। उन्होंने बताया, 'मेरे ख्याल से बोर्ड एग्जाम को ओवर रेट करके पेश किया जाता है। हर कोई कहता है, ओह! तुम्हें इस साल बोर्ड एग्जाम देना है। जबकि हकीकत यह है कि बोर्ड एग्जाम भी सामान्य एग्जाम की तरह ही है। साल भर आप कई टेस्ट देते हैं और जब आप अपना पहला बोर्ड एग्जाम देते हैं तो फिर लगता है अरे! इसमें क्या बड़ी बात थी? यह भी कोई अन्य एग्जाम की तरह ही तो था।' 
 

bharti

Advertising