DU में दाखिला लेना होगा मुश्किल, सभी कोर्सों में दाखिले के लिए हो सकता है एंट्रेंस टेस्ट

Thursday, Dec 20, 2018 - 12:51 PM (IST)

नई दिल्लीः अगले साल से यानी 2019-20 शैक्षिक सत्र से दिल्ली यूनिवर्सिटी के एडमिशन सिस्टम में बड़ा बदलाव हो सकता है। डीयू अगले साल से सभी अंडरग्रैजुएट कोर्सों में प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला देने पर गौर कर रही है। 12वीं क्लास के मार्क्स के लिए एक वेटेज निर्धारित कर दिया जाएगा यानी अब सिर्फ 12वीं का मार्क्स ही आपको डीयू में एडमिशन की गारंटी नहीं हो सकता है। प्रवेश परीक्षा से संबंधित डीटेल्स अभी नहीं आई है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि डीयू 2019 के एडमिशन सीजन से इसे लागू करने पर विचार कर रही है। 


डीयू के वाइस चांसलर योगेश त्यागी ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया, 'डीयू की दाखिला कमिटी 2019-20 की दाखिला प्रक्रिया में प्रवेश परीक्षा के सिस्टम को लागू करने के मामले पर विचार करेगी। यह कमिटी एक स्वतंत्र कमिटी है जिसके सदस्य के तौर पर शिक्षा विशेषज्ञ, कॉलेजों के प्रिंसीपल और फैकल्टी मेंबर शामिल हैं।' 

 

एनटीए को मिल सकती है जिम्मेदारी
इस मामले पर डीयू की दाखिला कमिटी ने पिछले साल भी विचार-विमर्श किया था लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी थी। योजना को उस समय ठंडे बस्ते में डालने की एक वजह यह थी कि एक तरफ प्रवेश परीक्षा के आयोजन को लेकर कई तरह की समस्याएं थीं तो दूसरी ओर दाखिला कमिटी के फैकल्टी मेंबर्स ने भी इसका विरोध किया था। 

कमिटी इस साल प्रवेश परीक्षा कराने की जिम्मेदारी नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को आउटसोर्स करने पर गौर कर रही है। एनटीए ने नेट और जेईई की परीक्षा की जिम्मेदारी इस साल से संभाली है। पहले इन परीक्षाओं का आयोजन सीबीएसई के जिम्मे होता था। त्यागी से जब पूछा गया कि क्या यूनिवर्सिटी परीक्षा के आयोजन में एनटीए की भूमिका पर गौर कर सकती है तो उन्होंने कहा कि दाखिला कमिटी इस संभावना पर भी गौर करेगी। 

मौजूदा सिस्टम
मौजूदा समय में डीयू के अधिकांश अंडरग्रैजुएट कोर्सों में दाखिला 12वीं के अंकों के आधार पर होता है। हर साल 4-5 कट ऑफ लिस्ट निकलती है और फिर उसके आधार पर छात्रों को दाखिला मिलता है। सिर्फ अंडरग्रैजुएट के नौ और पोस्टग्रैजुएट प्रोग्रामों के लिए डीयू में कंप्यूटर आधारित प्रवेश परीक्षा का आयोजन होता है।

Sonia Goswami

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