डीयू में बिना पूर्व सूचना के आठवीं कटऑफ जारी, जल्द करें चेक

punjabkesari.in Wednesday, Aug 28, 2019 - 10:10 AM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) प्रशासन ने इस बार दाखिला प्रक्रिया शुरू होने से पहले पारदर्शिता और समयबद्धता के जो बड़े-बड़े दावे किए थे, उनकी प्रक्रिया के दौरान जमकर धज्जियां उड़ाई गईं। आलम यह है कि डीयू ने बिना कोई पूर्व सूचना दिए स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए सोमवार देर रात आठवीं कटऑफ सूची जारी कर दी। इसके मुताबिक अधिकतर कॉलेजों के कई पाठ्यक्रमों में विभिन्न श्रेणी की सीटें खाली हैं। इस कटऑफ में दाखिले के लिए सिर्फ दो दिन का समय दिया गया। 

डीयू अधिकारी की ओर से बताया गया कि 29 अगस्त को डीयू शिक्षक संघ का चुनाव है तो उस दिन हम दाखिला प्रक्रिया को आयोजित नहीं कर सकते थे। डीयू की विद्वत परिषद (एसी) और दाखिला समिति के सदस्य डॉक्टर रसाल सिंह ने कहा कि डीयू में देशभर के छात्र दाखिला लेना चाहते हैं। इसलिए डीयू की नीति और निर्णय उन सबकी जरूरत और सुविधा के अनुरूप होनी चाहिए। कॉलेजों में सीटें (खासकर आरक्षित वर्गों की सीटें) खाली न रहें इसके लिए भविष्य में प्रभावी और संवेदनशील नीति-निर्माण की आवश्यकता है। 

एसी और दाखिला समिति के पूर्व सदस्य प्रोफेसर हंसराज सुमन ने कहा कि डीयू ने बिना पूर्व सूचना के आठवीं कटऑफ जारी कर दी है ऐसे में दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर भारत में रहने वाले विद्यार्थी कैसे इस कटऑफ के आधार पर दाखिला लेने दिल्ली पहुंच पाएंगे। उन्होंने कहा कि यह साफ तौर पर समान अवसर के अधिकार के हनन का मामला है।

एक-दो सीट ही बची है खाली
डीयू के छात्र कल्याण डीन और दाखिला समिति के प्रमुख प्रोफेसर राजीव गुप्ता के अनुसार किन्हीं वजहों से आठवीं कटऑफ की पूर्व सूचना देने से रह गए। उनके अनुसार कॉलेजों के पाठ्यक्रमों में एक-दो सीटें ही खाली बची हैं जिनके लिए आठवीं कटऑफ जारी की गई है। यह पूछे जाने पर कि इस कटऑफ को जारी करते समय दक्षिण भारत या पूर्वोत्तर में रहने वाले बच्चों के बारे में सोचा गया था तो उन्होंने कहा कि जिन बच्चों को दाखिला लेना है वे लगातार डीयू की वेब पर नजर रखते हैं। दूसरा, अधिकतर बच्चे दाखिला ले चुके हैं और कुछ ही छात्र बचे हैं। यह कटऑफ नियमित कटऑफ नहीं है। उन्होंने कहा कि परिसर के कॉलेजों में एक-दो सीटें ही बची हैं और ये हमेशा रह जाती हैं। प्रोफेसर गुप्ता ने बताया कि कैंपस के बाहर के कॉलेजों में अधिक सीटें बची हैं।


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Riya bawa

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