डीएसएसबी शिक्षक भर्ती पर उठ रहे सवाल, जांच की मांग

punjabkesari.in Monday, Dec 03, 2018 - 11:26 AM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग में एक तरफ चुनाव आयोग के निर्देश के बाद भी छात्रों के परिजनों का पूरा ब्योरा (आधार कार्ड-पहचान पत्र विवरण) एकत्रित करने को गैरकानूनी बताते हुए भाजपा ने एलजी अनिल बैजल से शिकायत की है। वहीं शिक्षा निदेशालय द्वारा शिक्षकों की भर्ती परीक्षा व भर्ती प्रक्रिया में घोटाले को लेकर भी संदेह जताते हुए भाजपा ने जांच की मांग की है। 

 

भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय द्वारा की गई शिक्षकों की भर्ती में घोटाले की बू आ रही है। दिल्ली के तीन शिक्षकों को 30 नवम्बर को अपनी सेवाएं देने के लिए नियुक्ति पत्र जारी किया गया, लेकिन उन्हें दिल्ली के विभिन्न विद्यालयों में शिक्षक के तौर पर भर्ती होने का आदेश देते हुए 1 सितम्बर और 19 अक्तूबर को अपने-अपने विद्यालयों में उपस्थित रहने का अजीब आदेश पारित किया गया। उन्होंने कहा कि शिक्षा निदेशालय ने अपने आदेश में अध्यापको को एक सितम्बर और 19 अक्तूबर को ज्वाइन करने का फरमान सुनाते हुए कहा है कि अन्यथा दावेदारी अपने आप निष्क्रिय मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि अब दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशक ने सफाई देते हुए इसे टाइपिंग की गलती बताया है, जो अपने आप में गैर जिम्मेदाराना है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसबी) द्वारा आयोजित शिक्षकों की भर्ती परीक्षा में सैकड़ों छात्र भी परीक्षा नहीं दे पाए, इसमें भी किसी बड़े भ्रष्टाचार का संदेह दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली भाजपा अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया के न्यायिक जांच होनी चाहिए। 

 

दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने स्पष्ट रूप से दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि विद्यार्थियों के परिवारों के मतदाता पहचान पत्रों का विवरण एकत्रित करना गैर कानूनी है। लेकिन सरकार अब भी परिवारों से विवरण प्राप्त करने में जुटी है। इसकी भाजपा ने एलजी से उचित कार्रवाई की मांग भी की है। 
 


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pooja

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