करिए कुछ अलग भी

Wednesday, May 16, 2018 - 09:43 AM (IST)

नई दिल्ली: ‘छोटे से छोटे अवसर के सदुपयोग हेतु अपनी बुद्धि भिड़ा देने से वही अवसर महान बन जाते हैं।’ कुछ नया देखने, सीखने व करने की चाह छोटी उम्र में बहुत अधिक होती है। बच्चों की यह प्रवृत्ति उन्हें न सिर्फ बहुत कुछ सिखाती है, अपितु निरंतर उनके व्यक्तित्व में भी सुधार लाती है लेकिन बड़े होते-होते हम अपनी गतिविधियों को सीमित करने लगते हैं। हम न सिर्फ परिवर्तन से डरते हैं, बल्कि जोखिम लेने से भी बचते हैं। नतीजा, हम धीरे-धीरे स्वयं को निश्चित जीवनशैली में कैद कर लेते हैं। लोग अपने निश्चित ढर्रे अथवा जीवनशैली में छोटा-सा परिवर्तन किए जाने के विचार उत्पन्न तनाव से ही परेशान होकर कुछ अलग करने का विचार छोड़ देते हैं। अपनी पसंद और रुचियों से कुछ अलग करने की चाह और प्रयास आपकी कार्यक्षमता को तो  बढ़ाता ही है, आत्मविश्वास व कार्यकुशलता में भी वृद्धि करता है। आइए जानें कि आप नया क्या कर सकते हैं।

नियमित सैर व योगाभ्यास
सुबह आधा घंटा जल्दी उठ कर सैर करने या व्यायाम व योगाभ्यास करने के लिए समय निकालें। सुबह की ताजा हवा में शारीरिक व्यायाम करने से शरीर स्वस्थ व ऊर्जावान रहता है, तथा इससे आपके सजग होते हुए भी नियमित घूमने का नियम नहीं बना पाते। सुबह पार्क में अनेक लोग सैर व योगाभ्यास आदि के लिए आते हैं। आपके द्वारा भी ऐसी दिनचर्या बनाने से एक ओर आपका सामाजिक दायरा बढ़ता है, स्वभाव में परिवर्तन आता है तथा नई चीजों को अपनाने की रुचि भी बढ़ती है।

अपनी रुचि व सपनों को समय दें
नई चुनौतियों के लिए प्रयास करना, नई गतिविधियों में भाग लेना व्यक्तित्व के विकास में सहायक होता है। आपकी सफलता अपने दायरे से हटकर उठाए गए छोटे से कदम से भी संबंध रखती है। ऐसे अनेक क्षेत्र हैं, जिनमें आप अपनी रचनात्मकता को आजमा सकते हैं। कुछ भी अलग से सीखने की प्रवृत्ति रखने की भावना न सिर्फ आपके स्वयं के आत्मविश्वास में वृद्धि करती है, बल्कि परिवार के सदस्यों, यहां तक कि बच्चों के मन में भी आपके प्रति सम्मान की भावना बढ़ाती है, पर आपको यह मानना होगा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती।

pooja

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