सिर्फ फार्म न भरें, एग्जाम भी दें कैंडिडेट्स : यूपीएससी

punjabkesari.in Friday, Sep 15, 2017 - 07:12 PM (IST)

नई दिल्ली : हर साल ना जाने देश भर से कितने लाखों लोग सिविल सर्विस एग्जाम यानि यूपीएससी के लिए अॉनलाइन आवेदन करते है, लेकिन इनमें से बहुक सारे कैडिडेंट्स अॉनलाइन फार्म भरने के बाद भी एग्जाम देने नहीं जाते। सूत्रों के मुताबिक हर साल फॉर्म भरने वाले परीक्षा में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स का अंतर बढ़ता जा रहा है। फॉर्म भरने के बाद छात्रों के एग्जाम न देने से संसाधन बिना उपयोग बर्बाद होते है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की रिपोर्ट आने के बाद किस तरह इन परीक्षा में गंभीर स्टूडेंट ही शामिल हों और इसमें बैठने की न्यूनतम उम्र क्या हो, इन सारे मसलों पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, प्रशासनिक सुधार पर बनी ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की कमिटी इन मामलों पर अगली बैठक में विचार करेगी।

रास्ता निकालने की कोशिश
सबसे मुश्किल और प्रतिष्ठित मानी जाने वाली इस परीक्षा में एक चिंताजनक ट्रेंड सामने आया है कि स्टूडेंट में धीरे-धीरे इसके प्रति बेरुखी बढ़ रही है। हर साल फॉर्म भरने वाले और परीक्षा में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स का अंतर बढ़ता जा रहा है। यूपीएससी सूत्रों के मुताबिक, फॉर्म भरने के बाद छात्रों के एग्जाम न देने से संसाधन बिना उपयोग बर्बाद होते हैं। इससे रास्ता निकालने की कोशिश हो रही है, ताकि ऐसे स्टूडेंट ही फॉर्म भर सकें, जो गंभीर हों।

यह है स्थिति
इस साल 9,47,428 स्टूडेंट ने सिविल सर्विस एग्जाम का फॉर्म भरा। लेकिन प्रारंभिक परीक्षा में मात्र 4,46,623 स्टूडेंट ही शामिल हुए। 52 फीसदी स्टूडेंट फॉर्म भरने के बावजूद एग्जाम में नहीं बैठे। 4 वर्षों में इस आंकडे में 10 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।

परीक्षा में बैठने की उम्र घटेगी?
यूपीएससी की हालिया रिपोर्ट आने के बाद एक बार फिर यूपीएससी एग्जाम रिफॉर्म को लेकर पहल तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, सबसे ज्यादा चुनौती और दबाव है उम्र घटाने को लेकर। यूपीएससी की रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर स्टूडेंट शुरुआती उम्र में ही परीक्षा में बैठते हैं और 70 फीसदी से ज्यादा स्टूडेंट 28 साल की उम्र में सफल होते हैं। इसी आधार पर और बसावन कमिटी की रिपोर्ट की अनुशंसा पर सरकार इस बारे में नए सिरे से विचार कर सकती है। अनुशंसा में अभ्यर्थियों की उम्र और प्रयास में कमी के साथ ऑप्शनल सब्जेक्ट को हटाकर उनकी जगह प्रैक्टिकल एग्जाम पर ज्यादा फोकस करने को कहा गया है। कमेटी के मुताबिक, सिविल सर्विस एग्जाम में बैठने की उम्र को चरणों में घटाने की जरूरत है।


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