गरीब बच्चों की जिंदगी को देख 13 साल की लड़की ने दिखाया ''''बड़ा दिल''''!

Sunday, Oct 23, 2016 - 04:14 PM (IST)

नई दिल्ली : किसी इंसान के अंदर अगर कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो वो लाख कठिनाइयों के बाद भी वो अपनी मंजिल पा ही लेता है। उन्हीं महिलाओं में से एक हैं शारदा सिंह, जो अपनी पेंटिंग के हुनर के जरिए गरीब बच्चों की पेंटिंग को नया प्लेटफॉर्म उपलब्ध करा रही हैं।

दरअसल 13 साल की शिरिजा राजे मुंबई में रहती है। इस उम्र के ज्‍यादातर बच्‍चे दिवाली पर पटाखे लाते हैं, दीए जलाते हैं और मिठाई खाते हैं पर शिरिजा इन सबसे अलग है। वह टाटा मेमोरियल हॉस्टिपल में एक वर्कशाप करेगी जिसमें वह गरीब बच्‍चों को हैंडिक्राफ्ट सिखाएगी। शिरिजा कहती है, 'मैं अभी 13 साल की हूं और उम्‍मीद करती हूं कि हर दिवाली पर ज्‍यादा रौशनी हो और मैं लोगों के चेहरे पर मुस्‍कान दे सकूं.' इसके लिए शिरिजा लैंटर्न और अन्‍य हैंडीक्राफ्ट खुद बनाती है और उन्‍हें बेचती भी है।

ऐसे हुई शुरुआत
एक दिन शिरिजा ने घर पर बने खाने में कमियां निकालकर उसे खाने से मना कर दिया. तब शिरिजा की मां उसे गरीब बस्‍ती में ले गईं. शिरिजा कहती है, 'मैं यह देखकर हैरान हो गई कि मेरी उम्र के और मुझसे बड़े बच्‍चे उस ट्रक के पीछे भाग रहे थे जो उन्‍हें हर रविवार खाना देने आता था. वह सब देखकर मैं रो पड़ी। यह सब देखकर शिरिजा की अांखों में अा गए और उसने गरीब बच्‍चों की मदद करने का फैसला किया।

उसने लैंटर्न बनाने शुरू किए और उन्‍हें अपने पड़ोसियों और रिश्‍तेदारों को 5 रुपए में बेचने लगी। इतना ही नहीं उसकी मां ने भी ऑफिस में इन्‍हें बेचना शुरू किया। बताया जा रहा है कि कुछ समय बाद उसके के पास इतने पैसे हो गए थे कि वह गरीब बच्चों को दिवाली पर मिठाइयां खरीद के दे सके। 

कैंसर पीडि़तों के लिए भी पैसे जुटाए-
बता दें कि 3 साल पहले शिरिजा की मां को कैंसर हो गया. तब शिरिजा ने कैंसर पीडि़तों की मदद के लिए 30,000 रुपए एकत्रित किए थे। तब से अब तक शिरिजा गरीब बच्‍चों की मदद के लिए काम कर रही है। अब तो शिरिजा ने कई और हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्‍ट बनाने शुरू कर दिए।

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