कॉलेज कैंटीन के मेन्यू से गायब होगी ये चीजें,एआईसीटीई ने जारी किया फरमान

Tuesday, Sep 19, 2017 - 06:30 PM (IST)

नई दिल्ली : कॉलेज की कैटीन में जाकर  जंक फूड खाने के शौकीन स्टूडेंट्स अब  कैंटीन में जंक फूड और स्नैक्स जैसे समोसा, कचौड़ी, पिज्जा, बर्गर और नूडल्स  का मजा नहीं ले पाएगें। क्योंकि ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने देशभर के तकनीकी शिक्षण संस्थानों (इंजीनियरिंग, ऑर्किटेक्चर,फार्मेसी, मैनेजमेंट) को पत्र लिखा है कि कैंपस में पान, गुटका, बीढी, सिगरेट, ड्रग या कोई भी अन्य नशीला पदार्थ की श्रेणी वाला पेय कैंटीन में न बिके।कॉलेजों को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि जंक फूड छात्रों में मोटापे सहित अन्य कई बीमारियों का कारण बन रहा है। सरकार विद्यार्थियों के सेहत पर पड़ रहे बुरे प्रभाव को लेकर बेहद चिंतित है इसलिए संस्थानों को सुझाव दिया जाता है कि वो अपने कैंपस कैंटीन में जंक फूड की बिक्री पर रोक लगाएं। 

कॉलेजों में ड्रग संबंधित अपराधों में बढ़ोतरी के मद्देनजर एआईसीटीई ने कॉलेज प्रशासन को नशीले पदार्थों का सेवन करने वाले छात्रों पर कड़ी नजर रखने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। सर्कुलर में कहा गया है कि सिगरेट, गुटखा और तंबाकू के दुष्प्रभावों के बारे में सभी जानते हैं। इसके मद्देनजर छात्रों में इसके दुष्प्रभाव के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कैंपस में अवेयरनेस कैंपन चलाए जाने चाहिए। जंक फूड पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश को लेकर कॉलेजों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जंक फूड छात्रों द्वारा सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है क्योंकि ये कम कीमत पर और आसानी से उपलब्ध है। अगर कैंपस के अंदर इन पर रोक लगा दी भी दी जाती है तो छात्र कैंपस से बाहर जाकर इनका सेवन करेंगे इसलिए कैंपस में जंक फूड पर रोक लगाने से कोई फायदा नहीं होगा। गौरतलब है कि इससे पहले यूजीसी ने भी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के अंदर फास्ट फूड की बिक्री पर रोक लगा दी है। यदि किसी कैंपस में इस प्रकार के पदार्थों की बिकी होती पायी तो कैंटीन के साथ-साथ संस्थान के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। काउंसिल का कहना है कि कैंपस में इन सब पर रोक लगाने के लिए एनसीसी कैडेट और एनएसएस स्वयं सेवकों की मदद लें।  

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