220 करोड़ खर्च होने के बावजूद गंदगी में पक रहा मिड-डे मील

Saturday, Jul 28, 2018 - 10:27 AM (IST)

जालंधरः पंजाब में मिड-डे मील पर सालाना 220 करोड़ खर्च हो रहे हैं। 110 करोड़ सिर्फ खाना पकाने में। इसके बावजूद योजना का पंजाब में बुरा हाल है। गुणवत्ता लगातार गिरती जा रही है। 15 दिन में ऐसे कई मामले सामने आए। वीरवार को पटियाला में छिपकली पड़ा भोजन 200 बच्चों ने खा लिया। 20 जुलाई को जालंधर के स्कूल के हॉस्टल में छिपकली वाला खाना खाने से 29 बच्चे बीमार पड़ गए। ऐसे ही मालवा के कई जिलों में कंकड़, कॉक्रोच की शिकायतें मिली हैं। ये हाल तब है जब इस योजना में 60% फंड केंद्र सरकार देती है। गौरतलब है नगर निगम इलाकों में स्थित स्कूलों में मिड-डे मील एनजीओ मुहैया करा रहे हैं, ज्यादातर शिकायतें यहीं से आ रही हैं। रूरल इलाकों में स्कूलों के किचन में पकाया जा रहा है, यहां भी साफ-सफाई का ध्यान नहीं है।  


मिड-डे मील में छिपकली निकल गई है तो फिर क्या हो गया, एक्सीडेंट भी तो होते ही हैं। डीईओ की जिम्मेदारी है। 
-प्रभचरण बराड़, स्टेट कोऑर्डिनेटर 

 
 
5 साल में बर्तन बदलने का प्रावधान 

नए स्कूलों के लिए किचन के बर्तन खरीदने और हर 5 साल बाद बर्तनों को बदलने के लिए 15000 रुपए केंद्रीय सहायता दी जाती है। सहायता की यह राशि केंद्र और राज्यों के बीच 60:40 के अनुपात में बंटी है। लेकिन यह बात भी सामने आई है कि सूबे में बर्तन बदले ही नहीं जा रहे हैं। 

 

शिक्षा मंत्री बोले-नई पॉलिसी बनाएंगे 
मिड-डे मील की समस्याओं को दूर करने की कोशिश जारी है। नई पॉलिसी पर काम चल रहा है। केंद्र का प्रोजेक्ट होने के कारण हर बदलाव के लिए उनसे सहमति जरूरी है। रिव्यू चल रहा है, जल्द बदलाव होंगे। जिन शहरों में एनजीओ खाना उपलब्ध करवाते हैं, उसमें भी बदलाव होगा। सेटअप बदलने में कुछ समय लगता है। -ओपी सोनी, शिक्षा मंत्री 

17 हजार स्कूलों में 35 लाख बच्चे खाते हैं मिड-डे मील 
60% फंड केंद्र जबकि 40% फंड राज्य सरकार को देना होता है। 
प्राइमरी के बच्चों को रोजाना 100 व अपर प्राइमरी के लिए 150 ग्राम डाइट के अनुपात में राशन मिलता है। 
प्राइमरी के बच्चों के लिए 4.58 रुपए व अपर के बच्चों के लिए 6.18 रुपए कुकिंग कास्ट दी जाती है। 

 

सूबे में 17 हजार सरकारी व एडिड स्कूलों में पहली से 8वीं तक के 35 लाख बच्चों को मिड-डे मील मिलता है।  60% फंड केंद्र जबकि 40% फंड राज्य सरकार को देना होता है। 

प्राइमरी के बच्चों को रोजाना 100 व अपर प्राइमरी के लिए 150 ग्राम डाइट के अनुपात में राशन मिलता है। 
प्राइमरी के बच्चों के लिए 4.58 रुपए व अपर के बच्चों के लिए 6.18 रुपए कुकिंग कास्ट दी जाती है। 
सूबे में 17 हजार सरकारी व एडिड स्कूलों में पहली से 8वीं तक के 35 लाख बच्चों को मिड-डे मील मिलता है। 

Sonia Goswami

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