प्राइवेट स्कूलों में 12वीं तक फ्री शिक्षा की मांग

Wednesday, May 16, 2018 - 11:22 AM (IST)

नई दिल्ली: हाई कोर्ट में दाखिल की गई जनहित याचिका में प्राइवेट स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के बच्चों को 12वीं क्लास तक फ्री एजुकेशन देने की मांग की गई है जिस पर हाई कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है।  इस याचिका में कहा गया है ईडब्ल्यूएस कैटिगरी के बच्चों को 12वीं क्लास तक फ्री एजुकेशन देने के लिए राइट टू एजुकेशन ऐक्ट, 2009 (आरटीई) में संशोधन किया जाए। 

एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी. हरिशंकर की बेंच ने केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया। दोनों सरकारों से पूछा है कि क्यों न आरटीई ऐक्ट में बदलाव करने के लिए आदेश जारी किया जाए, जिससे ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के बच्चों को 12वीं क्लास तक फ्री एजुकेशन मिले। 26 सितंबर तक जवाब देना है, उसी दिन मामले की सुनवाई होगी। 

बेंच ने सोशल जुरिस्ट नाम के एनजीओ के वकील अशोक अग्रवाल के जरिए दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया है। उन्होंने याचिका में मुफ्त शिक्षा के अधिकार आरटीई ऐक्ट, 2009 की धारा 12 (1) सी के प्रावधान में संशोधन की मांग की है। इसके तहत प्राइवेट और गैर सहायता प्राप्त स्कूलों में ईडब्ल्यूएस कैटिगरी के बच्चों को सिर्फ 8वीं क्लास तक मुफ्त शिक्षा देने का प्रावधान है। 


याचिका में कानून में बदलाव कर इसे 12वीं क्लास तक निशुल्क शिक्षा मुहैया कराने का आदेश देने की मांग की गई है। अग्रवाल ने बेंच को बताया कि बहुत सारे प्राइवेट स्कूल ईडब्ल्यूएस कैटिगरी के बच्चों को 8वीं क्लास के बाद पढ़ाई जारी रखने के लिए उन पर फीस देने के लिए दबाव बना रहे हैं। जो बच्चे फीस नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें स्कूल मैनेजमेंट की ओर से निकाला जा रहा है। याचिका में यह भी कहा गया है कि ऐसे में बच्चों के पास सिर्फ सरकारी स्कूलों में जाने का विकल्प रह जाता है और सरकारी स्कूलों में सिर्फ हिंदी मीडियम से पढ़ाई होती है, लिहाजा यह न सिर्फ पक्षपात होगा, बल्कि मुफ्त में शिक्षा देने के मकसद को भी फेल कर देगा। 

pooja

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