दिल्ली हिंसा का असर छात्रों पर, बोले- जान खतरे में तो परीक्षाएं किस काम की!

Wednesday, Feb 26, 2020 - 05:39 PM (IST)

नई दिल्ली: सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं के बीच दिल्ली के कई इलाकों में हिंसक झड़पों के कारण छात्रों के मन में कुछ सवाल चल रहे हैं कि जब जान ही खतरे में पड़ी है तो परीक्षाएं किस काम की? ऐसे डर के माहौल में कौन पढ़ाई कर सकता है? उत्तरपूर्वी दिल्ली में स्कूल बुधवार को लगातार दूसरे दिन बंद रहे। संशोधित नागरिकता कानून को लेकर भड़की साम्प्रदायिक हिंसा में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है। 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्थिति को ‘‘चिंताजनक'' बताया और कहा कि सेना को बुलाया जाना चाहिए क्योंकि पुलिस ‘‘इसे नियंत्रित करने में नाकाम'' है। चांद बाग, भजनपुरा, गोकुलपुरी, मौजपुर, कर्दमपुरी और जाफराबाद जैसे कई इलाकों में झड़पों में अभी तक 189 लोग घायल हो चुके हैं। बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा दे रही मुस्कान शर्मा ने कहा, ‘‘बोर्ड परीक्षाएं किसी भी छात्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमें दो साल पहले ही ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा गया और यहां परीक्षाओं के समय पर सब कुछ आग में जल रहा है। इतने डर के माहौल में कोई कैसे पढ़ाई कर सकता है।'' 

चांद बाग इलाके के निवासी गगनदीप सिंह ने कहा, ‘‘कल मेरी अंग्रेजी की परीक्षा है। मुझे अभी तक नहीं पता कि यह स्थगित होगी या नहीं। इस तरह की अनिश्चितता और डर का माहौल ठीक नहीं है। यह सब कुछ मेरे घर के आसपास हो रहा है, यह सोचकर जब दरवाजे पर खटखट होती है मैं डर जाता हूं।'' केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने हिंसाग्रस्त उत्तरपूर्वी दिल्ली में बुधवार को होने वाली 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं टाल दी हैं।

परीक्षा कुल 86 केंद्रों में टाली गई है। दसवीं कक्षा की अंग्रेजी की परीक्षा थी जबकि 12वीं कक्षा की वेब एप्लिकेशन और मीडिया समेत वैकल्पिक विषय की परीक्षा थी। चांद बाग के एक अन्य छात्र ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘‘अगर जान ही खतरे में है तो परीक्षाएं किस काम की? और क्या खतरा सिर्फ छात्रों को है? शिक्षकों, पर्यवेक्षकों तथा परीक्षाएं कराने में जुड़े अन्य लोगों को नहीं? मैं उम्मीद करता हूं कि अधिकारी इसके बारे में सोचें और परीक्षाओं का कार्यक्रम फिर से तय करने में वक्त रहते कुछ हस्तक्षेप करें।'' 

Riya bawa

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