डीयू में रैगिंग करने वालों के खिलाफ उठाए जाएंगे कड़े कदम

punjabkesari.in Monday, Jul 16, 2018 - 01:53 PM (IST)

नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के नए शैक्षणिक सत्र 2018-19 की शुरुआत 20 जुलाई से होने जा रही है। हर साल नए छात्रों को रैगिंग संबंधी परेशानी से निपटने के लिए डीयू प्रशासन के रजिस्ट्रार की ओर से एडवाइजरी जारी कर दी गई है। 13 जुलाई को हुई प्रोक्टोरियल बोर्ड की मीटिंग के दौरान रैगिंग विरोधी नियमों की घोषणा भी कर दी गई है। साथ ही कॉलेजों व विभागों को ताकिद किया गया है कि इन नियमों का पालन कठोरता से हो। रैगिंग में दोषी पाए गए छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए एक्ट 2013 के अंतर्गत कदम उठाने के लिए भी कहा गया है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार रैगिंग के खिलाफ सख्त कानून बनाए गए हैं जिन्हें कॉलेज, विभागों, सेंटर्स, हॉल्स व हॉस्टल पर लागू किया गया है। इतना ही नहीं दक्षिणी परिसर व उत्तरी परिसर के लिए दो ज्वाइंट कंट्रोल रूम बनाए गए हैं व हेल्पलाइन भी जारी की गई है जोकि 20 से 28 जुलाई तक खुली रहेगी। दक्षिण परिसर की हेल्पलाइन है 24119832 व उत्तरी परिसर की हेल्पलाइन 27667221 है। वहीं इंफॉर्मेशन सेंटर पर भी सोमवार से लेकर शुक्रवार तक शिकायत दर्ज करवाई जा सकेगी जिसका नंबर 155215 व 27006900 है।  विश्वविद्यालय परिसर में जगह-जगह पुलिस पिकेट बनाया जाएगा, खासकर महिला कॉलेजों में पुलिस द्वारा विशेष सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे। वहीं कुछ प्रतिबंधित इलाकों में निजी वाहनों पर भी रोक लगाई जाएगी। रैगिंग में लिप्त पाए गए छात्र के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने का अधिकार सभी प्राचार्यों, एचओडी, डायरेक्टर, वार्डन व प्रोवोस्ट को होगा।

एनसीसी व एनएसएस के छात्र बनाए जाएंगे वालेंंटियर
रैगिंग करने वालों पर नजर रखने के लिए एंटी रैगिंग, डिसीप्लीनरी कमेटी व विजलैंस स्क्वायड सहित एनसीसी व एनएसएस के छात्रों को भी वालंटियर बनाया जाएगा। बाहरी लोगों के कॉलेज व हॉस्टल में प्रवेश पर भी रोक लगाई गई है।

पोस्टर व पेंट पर भी रहेगी रोक
दिल्ली प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट ऑफ प्रोपर्टी एक्ट 2007 के तहत परिसर के अंदर व आस-पास की दीवारों पर लिखने व पोस्टर लगाने सहित किसी भी आपत्तिजनक पोस्टर व भित्तिचित्रों पर प्रतिबंध लगाया गया है। एनजीटी के आदेशानुसार डेमोक्रेसी की सिर्फ 6 दीवारों, यानी वॉल ऑफ डेमोक्रेसी पर लिखकर विचार व्यक्त कर सकेंगे।


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