DU:  सिख कोटे में दाखिला लेना है तो माननी होगी संस्कारी शर्ते

punjabkesari.in Friday, Jun 09, 2017 - 01:16 PM (IST)

नई दिल्ली : 12वीं क्लास के परीक्षा परिणामों की घोषणा के साथ ही डीयू में एडमिश्न लेने के लिए प्रकिया तेज हो गई है। इसके साथ ही डीयू के खालसा कॉलेजों में दाखिले के नियम भी सख्त कर दिए है । दरअसल इन कॉलेजों में सिख स्‍टूडेंट्स के लिए अलग से कोटा होता है। एसजीटीबी को छोड़कर सभी कॉलेजों में सिख स्टूडेंट्स के लिए 50 पर्सेंट सीटें रिजर्व रखी गई हैं और अगर माइनॉरिटी सर्टिफिकेट लगा दिया तो और 5 पर्सेंट की छूट मिलती है। पर इस कोटे में एडमिशन लेना बच्‍चों का खेल नहीं है। कोटे के तहत ऐडमिशन के लिए स्टूडेंट्स को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी से माइनॉरिटी सर्टिफिकेट बनाना पड़ता है। कमेटी ने इस कोटे के तहत एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स के लिए खास पैरामीटर तय किया है।

लड़कियों के लिए 
कमेटी के नियमों के मुताबिक, गर्ल्स के लिए सबसे जरूरी है ,उसके बाल न कटे हों। इसमें कमिटी ने कुछ छूट भी दी हैं। अगर आईब्रो बनी हुईं हैं तो सर्टिफिकेट मिल सकता है। इसके अलावा ड्रेस कोड भी है। चुन्नी होना जरूरी है। अगर कोई लड़की स्कर्ट या शॉर्ट पैंट में सर्टिफिकेट बनवाने आती है तो उसे सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा। 'संस्कारी' बनने के लिए सूट, चुन्नी और बाल जरूरी हैं। इसके अलावा लड़की के नाम में कौर होना जरूरी है। अगर स्टूडेंट के पैरंट्स गुर सिख नहीं हैं तो भी सर्टिफिकेट नहीं बनाया जाएगा। इन सब में पास होने के बाद स्टूडेंट्स को गुरमत ज्ञान होना जरूरी है। सर्टिफिकेट बनाए जाने के मौके पर आपसे सिख हिस्ट्री के बारे में सवाल किए जा सकते हैं। इन सब चीजों के देखने के बाद ही स्टूडेंट को सर्टिफिकेट इशू किया जाएगा।

लड़कों के लिए 
लड़कों के लिए शर्तें कम हैं, लेकिन काफी कड़ी भी हैं। उन्हें बिना पगड़ी के कॉलेज में एंट्री नहीं मिल सकती। कमेटी ऑफिस आ रहे हैं तो भी पगड़ी बांधकर आएं, तभी सर्टिफिकेट बनेगा। दाढ़ी भी ट्रिम या फिर कटी नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा जैसे लड़कियों के नाम में कौर होना जरूरी है, वैसे ही लड़कों के नाम के साथ सिंह लगा होना बेहद जरूरी है। कमेटी का कहना है कि अगर पैरंट्स इन सब बातों को फॉलो नहीं करते तो बच्चे का सर्टिफिकेट नहीं बनेगा। इसके अलावा बच्चे को सिख धर्म की जानकारी होनी चाहिए। सर्टिफिकेट बनने के प्रोसेस के दौरान कुछ भी सवाल किया जा सकता है। जवाब न मिलने पर परेशानी आ सकती है।

एडमिश्न के बाद 
सिर्फ साबत-सूरत सिख परिवारों के सम्पूर्ण गुरसिख बच्चों को कमेटी की ओर से जारी किए जा रहे सर्टिफिकेट को हलके में न लेने की कमेटी अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने चेतावनी दी। जीके ने कहा कि अगर 3 साल की पढ़ाई के दौरान किसी भी किसी बच्‍चे ने सिख पंरपरा का त्‍याग किया तो उसका एडमिशन तुरंत प्रभाव से कैंसिल किया जा सकता है। 


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