नहीं बदलेगा दयाल सिंह कालेज का नाम, जावड़ेकर ने लगाई फैसले पर रोक

punjabkesari.in Tuesday, Dec 19, 2017 - 06:34 PM (IST)

नई दिल्ली : डीयू  के पहले ईवनिंग कॉलेज दयाल सिंह का नाम बदलने को लेकर चल रहे विवाद पर फैसला लेते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कॉलेज का नाम बदलने पर रोक लगा दी है। जावेड़कर का कहना है कि कॉलेज का नाम बदलने का फैसला सरकार का नहीं है। 

शून्यकाल के दौरान शिरोमणि अकाली दल के सदस्य नरेश गुजराल ने यह मुद्दा उठाते हुए सरकार से  तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दयाल सिंह कालेज की प्रबंधन समिति ने इस सांध्यकालीन कालेज का नाम बदल कर वंदे मातरम महाविद्यालय रखने का फैसला किया है। उन्होंने कहा ‘‘मैं मानता हूं कि वंदे मातरम कहने से हर भारतीय के मन में देशभक्ति की भावना बलवती हो जाती है। सरकार को पूरे देश में वंदे मातरम विश्वविद्यालयों की स्थापना करना चाहिए। लेकिन किसी संस्थान के नाम को नहीं बदलना चाहिए।’’ गुजराल ने कहा ‘‘अल्पसंख्यक संस्थान का नाम बदलने से सिखों की भावनाएं आहत हुई हैं। मेरे विचार से इसकी निंदा की जानी चाहिए।’’इस मुद्दे पर सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए गुजराल ने कहा कि प्रबंधन समिति को तत्काल बदला जाना चाहिए।  विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया।  

इस पर जवाब देते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कालेज का नाम बदलने का फैसला केंद्र सरकार का फैसला नहीं था और न ही यह सरकार को पसंद है। इसलिए हमने फैसले पर फिलहाल रोक लगाने और शीघ्र ही एक बैठक बुलाने को कहा है। यह हमें पसंद नहीं है और इस तरह से नहीं होगा।’’  जावड़ेकर ने यह भी बताया कि दयाल सिंह कालेज दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध है और विश्वविद्यालय को इस बारे में बता दिया गया है। उन्होंने कहा कि भावनाओं से खिलवाड़ कर अनावश्यक विवाद पैदा करना गलत है।  गुजराल ने कहा था कि परमार्थ कार्यों से जुड़े दयाल सिंह मजीठिया ने अपना पूरा जीवन और अपनी जमा पूंजी शिक्षा में लगाई और कई स्कूल कालेज स्थापित किए। गौरतलब है कि दिल्ली के दयाल सिंह इवनिंग कॉलेज की गवर्निंग बॉडी (जीबी) ने कॉलेज का नाम बदलने का फैसला लिया था।  कॉलेज को नया नाम वंदे मारतम् महाविद्यालय दिया जाना था। 


 


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