क्रिमिनोलॉजिस्ट चुनौतियों भरा करियर

Wednesday, Mar 22, 2017 - 02:29 PM (IST)

नई दिल्ली : टेक्नोलॉजी में तेजी से आई प्रगति से सिर्फ सुविधाएं ही नहीं, बल्कि अपराध भी बढ़ रहे है और इसी के साथ बढ़ रही है अपराधों की छानबीन के क्षेत्र में करियर की प्रबल संभावनाएं भी। क्रिमिनोलॉजिस्ट का काम है घटना स्थल से अपराधी के खिलाफ सबूत जुटाने में जांच दल की मदद करना। विशेषज्ञों के अनुसार, बेशक यह जॉब चैलेंजिंग है, परंतु तेजी से लोकप्रिय हो रहा करियर विकल्प भी है।

फोरेंसिक साइंस की सभी शाखाओं में इसके विशेषज्ञों की हमेशा मांग रहती है। केंद्रीय व राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही 24 फोरेंसिक लैब में विशेषज्ञों की भर्ती संघ लोक सेवा आयोग द्वारा की जाती है। फोरेंसिक मेडिसिन के विशेषज्ञों को सभी मेडिकल कालेजों, शोध संस्थानों में मौका दिया जाता है।

अपराध अनुसंधान से संबंधित सभी लैबों में फोरेंसिक विज्ञान की शाखाओं के लिए अलग-अलग विभागों में विशेषज्ञों की मांग हमेशा बनी रहती है। क्रिमिनोलॉजी विशेषज्ञों के लिए सीबीआई और आईबी में भी मौके होते हैं। यह करियर रोमांच और चुनौतियों से भरा है। अगर आप अपने जीवन में जोखिम को तवज्जो देते हैं और कठिनाइयों को आप सामान्य बनाने का सामथ्र्य रखते हैं, तो आप इस करियर से नाता जोड़ सकते हैं। आप इस करियर में जितनी मेहनत करेंगे, उतना ही मेहनताना और मान-सम्मान भी पाएंगे। 

उपलब्ध कोर्स 
बीए/बीएससी इन क्रिमिनोलॉजी (3 वर्ष)
एमए/एमएससी इन क्रिमिनोलॉजी (2 वर्ष)
द्यपोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन क्रिमिनोलॉजी (1 वर्ष)

कैसे मिलेगा दाखिला 
क्रिमिनोलॉजी के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए बीए या बीएससी इन क्रिमिनोलॉजी में दाखिला ले सकते हैं, जिसकी अवधि 3 वर्ष है। इसके लिए आर्ट या साइंस में बारहवीं पास होना अनिवार्य है। इसके अलावा, पोस्ट ग्रेजुएट, डिग्री या डिप्लोमा इन क्रिमिनोलॉजी भी कर सकते हैं, जिसके लिए आर्ट या साइंस विषय में स्नातक डिग्री आवश्यक है।

कार्य 
क्रिमिनोलॉजिस्ट का काम अपराध से संबंधित परिस्थितियों का अध्ययन करना, अपराधी के खिलाफ सबूत जुटाना और अपराध करने का कारण तथा समाज पर इसका प्रभाव जानना होता है। क्रिमिनोलॉजिस्ट समाज को अपराध से बचाने में मदद भी करता है।

संभावनाएं
आज जिस तरह से क्राइम बढ़ रहा है, उसे देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि सन् 2014 तक इस क्षेत्र में ऐसे प्रोफेशनल्स की बहुत जरूरत पड़ेगी। क्रिमिनोलॉजिस्ट पब्लिक व प्राइवेट कंपनियों, सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट, एनजीओ, रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन, प्राइवेट सिक्योरिटी तथा डिटेक्टिव एजेंसियों में रोजगार प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा, क्रिमिनोलॉजिस्ट काउंसलर तथा फ्रीलांसर के तौर पर भी कार्य कर सकता है।

किस तरह के मिलते हैं जॉब 
क्रिमिनोलॉजी से कोर्स करने के बाद क्राइम इंटेलिजेंस एनालिस्ट, लॉ रिफॉर्म रिसर्चर, कम्यूनिटी करेक्शन कोऑर्डिनेटर, ड्रग पॉलिसी एडवाइजर, कंज्यूमर एडवोकेट, इनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एनालिस्ट के पद पर कार्य कर सकते हैं। 

आवश्यक गुण 
कानून व्यवस्था पर आस्था और जिज्ञासा एक सफल क्रिमिनोलाजिस्ट बनने के लिए सबसे आवश्यक गुण होते हैं। इसके अलावा, यदि आप लॉजिक व प्रैक्टिकल सोच रखते हैं तथा टीम भावना के साथ काम कर सकते हैं, तो आप आसानी से इस फील्ड से जुडक़र नाम कमा सकते हैं।

सैलरी पैकेज 
भारत में एक क्रिमिनोलॉजिस्ट शुरुआती स्तर पर प्रतिमाह 10 से 15 हजार रुपये कमा सकता है। अनुभव प्राप्त करने के बाद 20 से 25 हजार रुपये आसानी से कमाए जा सकते हैं। इसके अलावा, फ्रीलांसर के तौर पर वह केस की जरूरत के अनुसार अपनी फीस तय कर सकता है। भारत की तुलना में विदेशों में क्रिमिनोलॉजिस्ट की मांग ज्यादा है। इससे संबंधित कोर्स करने के बाद अगर आप विदेश जाना चाहते हैं तो वहां आपको बेहतर वेतन मिल सकता है।

प्रमुख संस्थान 

पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़

यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी ऐंड फॉरेंसिक साइंस, रोहिणी, सेक्टर-3, दिल्ली

ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवॅलपमेंट, मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर, नई दिल्ली

डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, मध्यप्रदेश - लॉ स्कूल, बनारस हिंदू 

विश्वविद्यालय, वाराणसी,

मदुरई कामराज यूनिवर्सिटी,पलकालाइ नगर, मदुरई

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई - डिपार्टमेंट ऑफ क्रिमिनॉलोजी एंड 

फॉरेंसिक साइंस, कर्नाटक

यूनिवर्सिटी, कर्नाटक

यूनिवर्सिटी ऑफ जम्मू, जम्मू एंड कश्मीर

यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास, चेन्नई

पटना यूनिवर्सिटी, पटना, बिहार

आंध्रा यूनिवर्सिटी, विशाखापत्तनम


 

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