हैप्पीनेस कैरिकुलम में CJI रंजन गोगोई बोले- लोग खुश तो कम होंगे मुकदमे

Thursday, Aug 01, 2019 - 02:23 PM (IST)

नई दिल्ली: हम सभी को हैप्पीनेस चाहिए। अगर लोग खुश रहेंगे तो देश की अदालतों में मुकदमे भी कम हो जाएंगे। यह बात भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने तालकटोरा स्टेडियम में बुधवार सुबह आयोजित की गई पहली हैप्पीनेस एजुकेशन कांफ्रेंस में मुख्य अतिथि के रूप में कही। उन्होंने कहा कि यह एक बड़े और यूनिक प्रोग्राम की पहली वर्षगांठ है जिसके तहत 1024 सरकारी स्कूलों के बच्चे प्रतिदिन 45 मिनट खुश रहना सीखते हैं। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा आप भी बच्चों को खुश रहना सिखाएं खुशी के मायने बताएं। 

उन्होंने देश के लंबित मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर लोग खुश रहने लगेंगे तो मुकदमेबाजी की समस्या खत्म हो जाएगी। चीफ जस्टिस गोगोई ने कहा कि बच्चों के लिए ये बहुत अच्छा है कि इस कार्यक्रम के जरिए उन्हें छोटी उम्र में इसकी एहमियत पता लग रही है। यह मैंने दोस्तों से भी शेयर किया है कि हैप्पीनेस क्लासेस जुडिशरी में भी होनी चाहिए। हैप्पीनेस कैरिकुलम की आवश्यकता को बताते हुए उन्होंने कहा कि बिना खुशी के शिक्षा कभी पूरी नहीं हो सकती है। यंगर जेनरेशन में यह एक गंभीर समस्या वे अपने आस-पास क्या हो रहा है देखकर दुखी होते हैं। इस प्रोग्राम को देश के सभी स्कूलों में शुरू किए जाने पर उन्होंने जोर दिया।

हैप्पीनेस एजुकेशन कांफ्रेंस की अध्यक्षता उपराज्यपाल अनिल बैजल ने की। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चीफ जस्टिस का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज हमारे छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। क्योंकि चीफ जस्टिस कोर्ट के कार्य दिवस के बीच में भी हमारे बीच में हैं। उन्होंने कहा कि हैप्पीनेस करिकुलम केवल एक सरकारी योजना नहीं है। दिल्ली सरकार के 8 लाख स्टूडेंट इसे प्रतिदिन अनुभव कर रहे हैं। साथ ही उनके अभिभावक भी छात्रों में आ रहे बदलाव को देख रहे हैं।  

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि हम उन लोगों के लिए एक सर्टिफिकेट कोर्स पर काम कर रहे हैं जो देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हैप्पीनेस पाठ्यक्रम शुरू करना चाहते हैं। हमें इसकी आवश्यकता महसूस होती है, क्योंकि वल्र्ड हैप्पीनेस इंडेक्स पर भारत का स्थान गिरा है और वह 118 से 140वें स्थान पर पहुंच गया है। इस अवसर पर छात्रों, शिक्षकों और माता-पिता के बीच अलग-अलग पैनल चर्चा भी हुई। 

कार्यक्रम में मध्य प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम और तेलंगाना के शिक्षा मंत्रियों के अलावा लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद के कार्यकारी पार्षद शिक्षा और नागालैंड सरकार के सलाहकार भी शामिल हुए। भूटान के फुकुओका प्रीफेक्चुरल गवर्नमेंट, जापान के प्रतिनिधियों के अलावा एमोरी यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूट ऑफ हैपीनेस, भूटान के सामाजिक भावनात्मक और नैतिक शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ ने भी भाग लिया। कार्यक्रम में सरकारी स्कूलों के 3000 शिक्षक और बच्चों के अलावा देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आए 500 अतिथियों ने भाग लिया।

Riya bawa

Advertising