शिक्षा क्षेत्र में भारतीयों की पहली पसंद बना चीन, यूरोप को छोड़ा पीछे

punjabkesari.in Monday, Jan 08, 2018 - 01:06 PM (IST)

नई दिल्लीः सीमा पर अक्सर भारत और चीन के बीच तनातनी की खबरें आती है लेकिन इसके बावजूद चीन शिक्षा के क्षेत्र में भारतीयों की पहली पसंद बन गया है। इस क्षेत्र में चीन अब भारतीय छात्रों की पहली पसंद बन गया है। इससे पहले भारतीय छात्र शिक्षा के लिए बाहर जाने के लिए यूरोप और खासकर ब्रिटेन को प्राथमिकता देते थे।

क्यों बना चीन पहली पसंद
रिपोर्ट के मुताबिक बीते एक दो सालों में चीन में मेडिकल पढ़ाई के लिए जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में अच्छा खासा इजाफा देखने को मिला है। इसके पीछे भारत सरकार द्वारा हाल ही में लागू नीट परीक्षा को वजह बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि नीट के जरिए मेडिकल की प्रवेश परीक्षा काफी कठिन हो गई है इसलिए भारतीय छात्र अब मेडिकल की पढ़ाई के लिए बड़ी संख्या में चीन का रुख कर रहे हैं।

खर्चा भी है भारत से कम
एक्सपर्ट के मुताबिक भारतीय छात्र इसलिए भी चीन की तरफ बड़ी संख्या में रुख कर रहे हैं क्योंकि एक तो चीन में आसानी से दाखिला मिल जाता है। दूसरी बात चीन में मेडिकल कोर्स का खर्चा भी भारत से कम है और भारतीय सरकार चीन की मेडिकल डिग्री को मान्यता भी देती है। उन्होंने बताया कि पहले कुछ छात्र रूस भी पढ़ने जाते थे लेकिन वहां उन्हें भाषा की दिक्कत का सामना करना पड़ता था क्योंकि पढ़ाई रूसी में होती थी लेकिन चीन में ऐसा नहीं है वहां अंग्रेजी में भी मेडिकल की पढ़ाई होती है। एक अनुमान के मुताबिक चीन की यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई के लिए औसत फीस 1 हजार से 2 हजार डॉलर यानी करीब 1.5 से 2 लाख रुपए आती है। मेडिकल के बाद सबसे ज्यादा इंडीनियरिंग की पढ़ाई के लिए भारतीय छात्र चीन जाते हैं।


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