बच्चों को अब नहीं उठाना होगा बस्ते का बोझ

Sunday, Mar 31, 2019 - 12:20 PM (IST)

नई दिल्ली: उत्तरी नगर निगम के स्कूल में पढऩे वाले बच्चों को भले ही इस वर्ष कॉपी या फिर किताब समय से नहीं मिली पाया हो। लेकिन अगामी वर्ष उत्तरी नगर निगम ने न सिर्फ बच्चों को सेशन शुरू होते ही किताबें मुहैया कराने का प्रयास शुरू कर दिया है। साथ ही बच्चों को बैग से मुक्ति देनी की भी तैयारी कर रहा है। उत्तरी निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि निगम स्कूलों में बच्चों को बैग रखने के लिए सेल्फ बनाने की तैयारी कर रहा है, जिसमें बच्चे घर जाने से पहले अपना बैग इसमें रख सकेंगे।

उन्होंने कहा कि सेल्फ बनने से बच्चों पर से बैग का बोझ समाप्त हो जाएगा। कहा कि विदेशों में स्कूल में पढऩे वाले बच्चों को भारी बस्त के बोझ से पूरी तरह से राहत है। उन्हें न तो बस्ते को घर ले जाने की जरूरत है और न ही ले आने की जरूरत है। विदेशों में बस्ता रखने के लिए सभी स्कूलों में सेल्फ बनाए गए हैं, जहां स्कूल बंद होने के बाद बच्चे बस्ता रखते हैं। दिल्ली में कोर्ट पहली से 5वीं क्लास में पढऩे वाले छोटे बच्चों को बस्ते की बोझ से मुक्त रखने का आदेश दे चुका है, जिस पर पहली बार निगम ने पहल की है और उत्तरी नगर निगम के स्कूलों में पढऩे वाले करीब 2.90 लाख बच्चों को बस्ते की बोझ से हमेशा के लिए छुटकारा दिलाने का प्लान तैयार किया है। 

बैग खरीदने के लिए निगम देगा 120 रुपए
उत्तरी नगर निगम इस वर्ष बच्चों को बैग खरीदने के लिए 120 रुपए भी देगी, लेकिन अगले साल में जो सत्र शुरू होगा उसमें बच्चों को बैग खरीदने के लिए पैसे नहीं दिए जाएंगे। साथ-साथ उसी में किताबें भी होंगी। यानी किताबों की पूरी किट बैग के साथ उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे बच्चों को न तो बैग के पैसे के लिए इंतजार करना होगा और न ही किताबों के लिए। 

bharti

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