साउथ एमसीडी स्कूल से दूर जा रहे हैं बच्चे

Wednesday, Apr 18, 2018 - 09:38 AM (IST)

नई दिल्ली : जहां एक तरफ दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के अभिभावक संतुष्ट हैं, वहीं दूसरी तरफ एमसीडी स्कूलों को लेकर अभिभावक असंतुष्ट हैं। इसकी गवाही साउथ एमसीडी के स्कूलों में कम होती बच्चों की संख्या दे रही है। साथ ही एमसीडी के उन दावों की भी पोल खोलती है, जिसमें लगातार बच्चों की संख्या के बढऩे की बात कही जाती है। पिछले पांच साल में साउथ एमसीडी के स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों की संख्या करीब एक लाख से कम हो गई है। 

गौरतलब है कि साउथ एमसीडी में कुल 581 प्राइमरी स्कूल हैं। जिसमें करीब छह हजार शिक्षक हैं। तीनों एमसीडी में सिर्फ साउथ एमसीडी ही शिक्षकों को समय पर वेतन दे रहा है लेकिन तमाम प्रयासों के बाद उसके स्कूलों में बच्चों की संख्या नहीं बढ़ रही। आकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2012-2013 में जहां साउथ एमसीडी में कुल 3,40,440 छात्र पढ़ते थे, वहीं वर्तमान में 2,67,721 बच्चे हैं। यानी कि करोड़ों खर्च करने के बाद भी एमसीडी के स्कूल में अभिभावक अपने बच्चों का दाखिल नहीं कर रहे हैं। दाखिला करवाने के लिए एमसीडी शिक्षक कॉलोनियों में जाकर अभिभावकों को प्रेरित भी करते हैं लेकिन इसके बावजूद उनकी पहली पसंद दिल्ली सरकार के प्राइमरी स्कूल हैं। 

स्कूलों में सुरक्षा नहीं : आए दिन एमसीडी स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगता है क्योंकि यहां पर न तो सुरक्षाकर्मी तैनात रहता है और न सीसीटीवी कैमरे हैं। जिसके कारण असामाजिक लोगों का जमावड़ा रहता है। हाल ही में साउथ एमसीडी के एक मॉडल स्कूल से संदिग्ध परिस्थिति में गायब हो गया था। करीब 3 दिन बाद उसका शव स्कूल के पास स्थित नहर के पास मिला था। 

एमसीडी स्कूल में बच्चियों का दाखिला अधिक : साउथ एमसीडी के स्कूलों में लड़कों से ज्यादा लड़कियों का दाखिला हो रहा है। प्राइमरी व नर्सरी स्कूल में 1,28,580 लड़कों का दाखिल हुआ है जबकि 1,39,141 लड़कियों का प्रवेश किया गया है। 

pooja

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