मुख्यमंत्री का इन्स्टीट्यूट जांच के दायरे में

Friday, Mar 15, 2019 - 11:52 AM (IST)

गाजियाबाद: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का गाजियाबाद के राजनगर स्थित आईएमटी इन्स्टीट्यूट जांच के दायरे में आ गया है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने संस्थान की जांच के लिए एक समिति गठित कर उसे एक माह के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।       वर्मा ने बताया कि जांच समिति में व्यवसायिक, वित्त, मास्टर प्लान और प्रवर्तन विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है।       

गौरतलब है कि भाजपा के वरिष्ठ पार्षद राजेंद्र त्यागी ने एक संवाददाता सम्मेलन में मैनेजमेंट स्कूल प्रबंधन पर लीज डीड की शर्तों और नक्शे के विपरीत शिक्षण संस्था इमारत का निर्माण किए जाने का आरोप लगाया था। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की थी।      

त्यागी ने आरोप लगाया था कि जमीन लाला लाजपत राय स्मारक महाविद्यालय सोसाइटी को रियायती दर पर बिल्डिंग के निर्माण के लिए दी गई थी। लेकिन इस जमीन पर इन्स्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट को संचालित करते हुए लाखों रूपये की फीस वसूली की जा रही है।       

उन्होंने आरोप लगाया था कि लीज डीड की शर्तों का उल्लंघन करते हुए स्वीकृत नक्शे से ज्यादा हिस्से को घेरने के साथ नक्शे के विपरीत निर्माण किया गया है। उन्होंने सरकार से अवैध निर्माण वाली जमीन वापस लेने की मांग की थी।      

त्यागी ने कहा था कि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के वक्त राजनगर सेक्टर 20 में साल 1968 के दौरान स्कूल निर्माण के लिए 54049 वर्ग गज जमीन रियायती दरों पर मात्र 96 हजार 606 रूपए में दी गई थी। लीज डीड सात अक्टूबर 1971 में की गई थी। लाला लाजपत राय स्मारक महाविद्यालय सोसाइटी अवैध तरीके से जमीन पर इंस्टीट््यूट ऑफ मैनेजमेंट टैक्नोलाजी संचालित कर रही है। उन्होंने कहा था कि जीडीए की शर्तों के अनुसार, स्कूल अथवा कालेज अथवा मैनेजमेंट कालेज की भूमि आवंटन के लिए अलग अलग शर्तें है। उस पर मैनेजमेंट कालेज लाखों रूपए की फीस वसूल रहा है। जमीन कभी भी मैनेजमेंट कालेज के नाम से आवंटित नहीं हुई, ना ही इस उद्देश्य के लिए जमीन दी गई। आरटीआई के जबाव में जीडीए ये भी नहीं बता पाया कि टैक्नोलॉजी इन्स्टीट्यूट कैसे बना और कितने क्षेत्र में इंस्टीट््यूट का निर्माण किया गया।  

pooja

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