अब एयरपोर्ट में आपके बैग नहीं होंगे गुम, छात्रों ने बनाया ट्रैकिंग सिस्टम

punjabkesari.in Saturday, Jun 23, 2018 - 12:42 PM (IST)

नई दिल्लीः सीएसआईआर सीरी पिलानी में हैकाथॉन 2018 का आयोजन किया गया। सीरी के निदेशक प्रोफेसर शांतनु चौधुरी ने बताया की इस आयोजन की थीम 'स्मार्ट कम्युनिकेशन' है। हैकाथॉन में इस बार सॉफ्टवेयर के साथ हार्डवेयर संस्करण भी जोड़ा गया है। इसमें छात्र अपनी प्रतिभा से नई तकनीकों को विकसित और मौजूदा तकनीकों को उन्नत बनाकर कार्यप्रणाली को आसान बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभा रहे हैं। सीरी पिलानी हैकाथॉन 2018 के ग्रैंड फिनाले में पहुंची 13 टीमों में दिल्ली-एनसीआर की भी तीन टीमें रहीं। आइए जानते हैं उनके मॉडल के बारे में।

PunjabKesari

एयरपोर्ट में नहीं होंगे बैग गुम

एयरपोर्ट से यात्रियों के बैगैज गुम होने के कई मामले सामने आते हैं। वर्ष 2017 में अकेले दिल्ली एयरपोर्ट में ही ऐसे 34 मामले सामने आए। दिल्ली के भारतीय विद्यापीठ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के छात्रों ने एयरपोर्ट बैगेज ट्रैकिंग सिस्टम बनाया है। इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस आधारित मॉडल के जरिए इसकी ट्रैकिंग आसान हो सकती है। लगेज के टैग में यूनिक नंबर इंस्टाल कर रेडियो फ्रीक्वेंसी वेब रिसीव कर लगेज की लोकेशन पता की जा सकती है। यह लोकेशन किसी गैजेट और किसी ऐप के जरिए भी कर्मचारियों और यात्रियों को पता चल सकती है, इसलिए यदि कोई लगेज को निर्धारित जगह की बजाय कहीं और ले जाएगा तो उसकी जानकारी तुरंत मिल जाएगी। इस डिवाइस को कॉलेज के इलैक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन के छात्र हर्षिल बंसल, दिव्यांश मल्होत्रा, अतुल कुमार, समरजीत कौर, भावना छ्गलानी और शिवम कुमार मेहरा ने तैयार किया है। 

 

टोल पर क्यू आर कोड स्कैनर

टोल पर लगने वाले जाम से मुक्ति और महंगे आरएफआईडी कार्ड सिस्टम के विकल्प के रूप में क्यू आर कोड स्कैनर का मॉडल नोएडा के जेएसएस एकेडमी ऑफ टैक्निकल एजुकेशन के छात्रों ने दिया है। हैकाथॉन 2018 के ग्रैंड फिनाले में शिरकत कर रहे छात्रों ने बताया की क्यू आर नंबर स्टीकर के रूप में या फोन में ऐप के जरिए डाऊनलोड कर उपयोग कर सकते हैं। इससे मानव रहित टोल का संचालन आसान बनेगा। एक गाड़ी का एक ही क्यू आर नंबर होगा। इसमें चालक की पूरी जानकारी होगी जो आरटीओ विभाग से वेरिफाई होने पर चालक की पहचान और वाहन की सुरक्षा दोनों में काम आएगी। निर्धारित रूट पर सफर करने वाले वाहनों का एक क्यू आर कोड से काम चल जाएगा। नए रूट में आप चलते वाहन में भी ऐप के जरिये तुरंत कोड जेनरेट कर वाहन को आसानी से टोल पार करवा सकेंगे। महज दो से छह सेकेंड में स्कैनिंग हो जाने से वाहनों को टोल पर रुकना नहीं पड़ेगा। इस मॉडल को जेएसएस एकेडमी ऑफ टेक्निकल एजुकेशन के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन के छात्र मृत्युंजय मिश्रा, ज्योतिश सिसोदिया, शिवांगी त्रिपाठी, आईटी के अमन लालवानी और कंप्यूटर साइंस की शिवांगी कुमार ने तैयार किया है। 

 

सिटी एयर पॉल्यूशन ट्रैकर

किस एरिया में पॉल्यूशन का लेवल ज्यादा है। यह आपको फोन पर पता चल जाएगा। इससे पॉल्यूशन से बचने के लिए आप अपनी सुविधा के अनुसार रूट तय कर सकते हैं। गाजियाबाद के एबीईएस इंस्टिट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी के छात्रों ने ऐसे ही एयर पॉल्यूशन ट्रैकर का मॉडल पेश किया है। कॉलेज के थर्ड इयर के छात्रों के इस मॉडल को हैकाथॉन 2018 के ग्रैंड फिनाले में जगह मिली है। छात्रों ने बताया की यह ट्रैकर शहर के अलग अलग हिस्सों में लगाया जा सकता है। जिसका सेंसर पॉल्यूशन का डाटा लेकर सेंट्रल कंप्यूटर को भेजेगा। जहां से ऐप के जरिये मोबाइल में भी इसकी जानकारी ली जा सकती है। इस ट्रैकर को सोलर पैनल के जरिये भी चार्ज किया जा सकता है। यह सेंसर वर्तमान सेंसर से छह गुना ज्यादा चलेगा। इसे एबीईएस इंस्टिट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी के छात्रों श्रीनिवास, आदित्य सिंह, अमन राज, अभिषेक शुक्ला, अभिषेक चन्द्र पांडे और गार्गी सिन्हा ने तैयार किया है।

 

स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2018

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तत्वावधान में देशभर के तकनीकी संस्थानों के छात्रों की प्रतिभा और ज्ञान का लाभ उठाकर सरकारों और आमजन की सुविधा के लिए उन्नत तकनीक विकसित करने के उद्देश्य से हैकाथॉन 2018 का आयोजन किया गया है। इसमें विजेता तीन टीमों को क्रमशः एक लाख, 75 हजार और 50 हजार के पुरस्कार दिए जाएंगे। साथ ही आकर्षक तकनीकी मॉडलों के लिए एंजेल इन्वेस्टर्स के जरिये निवेश के इंतजाम भी किए जाएंगे। स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2018 में देशभर के 752 तकनीकी संस्थानों की 4362 टीमों के 50 हजार से ज्यादा छात्रों ने हिस्सा लिया। इनमें 106 टीमों का ग्रैंड फिनाले के लिए चयन किया गया।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Sonia Goswami

Recommended News

Related News