IT छात्रों का कमाल-बनाया सबसे हल्का सैटेलाइट,मूसलाधार बारिश को समझना होगा आसान

Thursday, Jun 28, 2018 - 11:04 AM (IST)

चेन्नईः तमिलनाडु में चेन्नई स्थित हिंदुस्तान इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस में एयरोस्पेस विभाग के स्टूडेंट्स ने दुनिया का सबसे हल्का सैटेलाइट तैयार किया है। इसका वजन मात्र 33.39 ग्राम है। इस सेटेलाइट का नाम जयहिंद 1 एस है। इसकी लागत महज 15 हजार रुपए है। 3 डी प्रिंटेड पीएलए नायलॉन से बनाए गए इस सेटेलाइट को तीन प्रयोग के लिए तैयार किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य माइक्रोग्रैविटी में नायलॉन की कार्यशीलता की जांच करना है। इसके साथ ही मौसम की जानकारी जैसे मूसलाधार बारिश और रॉकेट के प्रक्षेप पथ को समझने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाएगा। 

 

छात्रों ने बताया कि यह सैटेलाइट 15 से 20 घंटों तक काम करेगा। यह वातावरण में 65 से 70 किमी तक यात्रा कर सकता है। इंस्टिट्यूट में इस सैटेलाइट को एक स्पर्धा के तहत बनाया गया है। सैटेलाइट में लगा माइक्रो एसडी कार्ड सैटेलाइट का डेटा स्टोर करेगा। इस डेटा से छात्रों को पता चलेगा कि नायलॉन को स्पेस टेक्नॉलजी में इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं। इसी साल अगस्त महीने में यूएस के कोलेरेडो स्पेस सेंटर से इसका प्रक्षेपण होगा। इस प्रोजेक्ट के टीम लीडर केजे हरिकृष्णन हैं। वहीं पी अमरनाथ, टी गिरि प्रसाद और जी सुधि भी इसके सदस्य हैं। 

 

स्मरण रहे पिछले साल इसी स्पर्धा में चेन्नई के 18 साल के रिफत शाहरुख ने 64 ग्राम का सबसे हल्का सैटेलाइट बनाया था। रिफत ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर इसका नाम 'कलाम सेट' रखा था। ये सैटेलाइट रिइनफोर्स्ड कार्बन फाइबर पोलीमर का बना हुआ था। रिफत ने 2015 में केलाबक्कम में भी जमीन से 1,200 ग्राम वजन का हीलियम वेदर बलून लॉन्च किया था। गौरतलब है कि अमरीक अंतरिक्ष एजेंसी नासा और आईडूडललर्निंग इंक (ग्लोबल एजुकेशन कंपनी) के सामूहिक तत्वावधान में हर साल 'क्यूब्स इन स्पेस' कॉन्टेस्ट आयोजित किया जाता है। इसमें भारतीय छात्र बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। 

Sonia Goswami

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