सीबीएसई का स्कूलों को निर्देश मूल्यांकन के लिए अध्यापकों का नाम न देने पर होगी कारवाई

Saturday, Mar 09, 2019 - 06:18 PM (IST)

नई दिल्ली : सी.बी.एस.ई. की 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षाओं में उत्तर-पुस्तिकाओं के त्रुटिमुक्त और गुणात्मक मूल्यांकन को लेकर बोर्ड इस बार काफी गंभीर नजर आ रहा है। यही वजह है कि सी.बी.एस.ई. ने स्कूलों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि मूल्यांकन के लिए अपने अध्यापक भेजने में आनाकानी करने और मुल्यांकन प्रकिया में शामिल होने के लिए छुट्टी न देने पर  उनकी एफीलिएशन रद्द करने की चेतावनी जारी की है। मूल्यांकन प्रक्रिया के लिए बोर्ड ने आधिकारिक पोर्टल पर स्कूलों को अध्यापकों के नाम भेजने के लिए कहा है। 

हर विषय का एक एग्जामिनर भेजना जरूरी 
सी.बी.एस.ई. के नियमों के मुताबिक बोर्ड के निर्देशों पर स्कूलों को अपने हर विषय का एक एग्जामिनर मूल्यांकन के लिए भेजना होगा। यदि स्कूल ऐसा करने में लापरवाही बरतते हैं तो उन पर नियमानुसार कार्रवाई करने से गुरेज नहीं किया जाएगा। 

पहले रीजनल अफसर ने भी दी थी चेतावनी 
वैबसाइट पर जारी पत्र के मुताबिक सी.बी.एस.ई. ने स्पष्ट किया है कि परीक्षार्थियों की उत्तर-पुस्तिकाएं सही ढंग से चैक करने के लिए बोर्ड को कुशल एवं अनुभवी अध्यापकों की जरूरत है। गौरतलब है कि  अक्सर मूल्यांकन के लिए स्कूल अपने अनुभवी अध्यापकों को मार्किंग सैंटर में भेजने के लिए फ्री नहीं करते। एग्जामिनरों का कहना है कि स्कूलों द्वारा मूल्यांकन के दिनों में उन पर अपने स्कूल की कक्षाएं लेने का दबाव बनाया जाता है, जिसके चलते वे मार्किंग सैंटर में मूल्यांकन के कार्य को पूरी तेजी व सावधानी से नहीं कर पाते। 

बोर्ड की कोशिश समय पर डिक्लेयर हो जाएं रिजल्ट 
अब सी.बी.एस.ई. की आधिकारिक वैबसाइट पर उक्त पत्र जारी होने के बाद स्कूलों के लिए मूल्यांकन कार्य में शिक्षक न भेजना महंगा साबित हो सकता है। बोर्ड की कोशिश है कि मार्च में परीक्षाओं के सफलतापूर्वक आयोजन केबाद तय समय यानी मई के मध्य तक परिणाम घोषित कर दिए जाएं लेकिन यह तभी उचित हो पाएगा, जब मूल्यांकन का कार्य पूरा होगा। 
 

bharti

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