CBSE Board ने कहा, स्कूलों ने नियमों का पालन नहीं किया तो लगेगा जुर्माना
Tuesday, Oct 23, 2018 - 10:36 AM (IST)
नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई करेगा। सीबीएसई ने नियमों का पालन नहीं करने वाले स्कूलों के लिए जुर्माना का प्रावधान किया है। स्कूलों के वित्तीय, प्रशासनिक, परीक्षा और अकादमिक मामलों में अनियमितताओं में दोषी पाए जाने पर जुर्माना लगेगा। इनमें ऐसे स्कूल का स्तर सीनियर सैकेंडरी से घटाकर सैकेंडरी करना, सेक्शन की संख्या सीमित करना और स्कूल को बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों को प्रायोजित करने से रोकना शामिल है।
CBSE के मान्यता के नए उपनियमों के अनुसार बोर्ड दोषी स्कूलों के खिलाफ कई तरह से कदम उठा सकता है। इसमें ऐसे स्कूलों को लिखित चेतावनी जारी करना, उन पर पांच लाख रुपए तक का जुर्माना लगाना, एक निश्चित अवधि के लिए मान्यता निलंबित करना, स्कूल को मान्यता के लिए आवेदन करने से रोकना और मान्यता वापस लेना शामिल है।
उपनियमों में लिखा है, ‘‘परीक्षा, शैक्षणिक, प्रशासनिक और वित्तीय मामलों में अनियमितता के मामले में या अदालत या सरकारी आदेशों का अनुपालन नहीं करने के मामले में बोर्ड सभी या कोई एक जुर्माना लगा सकता है।'' CBSE Board की ओर से जुर्माने के लिए जो अन्य आधार इंगित किए गए हैं उनमें सम्बद्धता आवश्यकताओं में कमी जिसका पता चाहे किसी भी स्तर पर लगे, राज्य सरकार द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र या मान्यता वापस लेना तथा लगातीर तीन वर्ष तक स्कूल का शैक्षिक प्रदर्शन खराब रहना शामिल है।
इसके साथ ही शिक्षकों या प्रधानाचार्य को उपनियमों के तहत प्रशिक्षण के लिए नहीं भेजना और बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन के लिए कर्मचारी नामित नहीं करना या उसे मुक्त नहीं करने को भी जुर्माने के आधार के तौर पर देखा जाएगा। उपनियमों में कहा गया है, ‘‘किसी शिकायत या स्वत: संज्ञान लेने पर बोर्ड स्कूल से रिपोर्ट या स्पष्टीकरण मांग सकता है, प्राधिकारियों से टिप्पणी या रिपोर्ट मांग सकता है, स्कूल का औचक निरीक्षण कर सकता है या ऐसे अन्य कदम उठा सकता है जो तथ्यों के सत्यापन के लिए उचित लगे।''
इसमें कहा गया है, ‘‘तथ्यों की जांच पड़ताल के बाद बोर्ड स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा और स्कूल को 30 दिन के भीतर उसका जवाब देना होगा। जवाब की बोर्ड द्वारा जांच की जाएगी और तदनुसार शिकायत का निस्तारण किया जाएगा या जुर्माना लगाने के बारे में निर्णय किया जाएगा।''