CBSE:अनियमितताओं में दोषी पाये जाने पर स्कूल पर लगेगा जुर्माना

Monday, Oct 22, 2018 - 06:26 PM (IST)

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने किसी स्कूल के वित्तीय, प्रशासनिक, परीक्षा और अकादमिक मामलों में अनियमितताओं में दोषी पाये जाने पर जुर्माने का प्रावधान किया है। इनमें ऐसे स्कूल का स्तर सीनियर सेकंडरी से घटाकर सेकंडरी करना, सेक्शन की संख्या सीमित करना और स्कूल को बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों को प्रायोजित करने से रोकना शामिल है।  

सीबीएसई के मान्यता  संबधी नए उपनियमों के अनुसार बोर्ड दोषी स्कूलों के खिलाफ विभिन्न कदम उठा सकता है। इसमें ऐसे स्कूलों को लिखित चेतावनी जारी करना, उन पर पांच लाख रूपये तक का जुर्माना लगाना, एक निश्चित अवधि के लिए सम्बद्धता निलंबित करना, स्कूल को सम्बद्धता के लिए आवेदन करने से रोकना और सम्बद्धता वापस लेना शामिल है। उपनियमों में लिखा है, ‘‘परीक्षा, शैक्षणिक, प्रशासनिक और वित्तीय मामलों में अनियमितता के मामले में या अदालत या सरकारी आदेशों का अनुपालन नहीं करने के मामले में बोर्ड सभी या कोई एक जुर्माना लगा सकता है।’’          

सीबीएसई की ओर से जुर्माने के लिए जो अन्य आधार बताए गए है उनमें सम्बद्धता आवश्यकताओं में कमी जिसका पता चाहे किसी भी स्तर पर लगे, राज्य सरकार द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र या मान्यता वापस लेना तथा लगातीर तीन वर्ष तक स्कूल का शैक्षिक प्रदर्शन खराब रहना शामिल है। इसके साथ ही शिक्षकों या प्रधानाचार्य को उपनियमों के तहत प्रशिक्षण के लिए नहीं भेजना और बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन के लिए कर्मचारी नामित नहीं करना या उसे मुक्त नहीं करने को भी जुर्माने के आधार के तौर पर देखा जाएगा।   

उपनियमों में कहा गया है, ‘‘किसी शिकायत या स्वत: संज्ञान लेने पर बोर्ड स्कूल से रिपोर्ट या स्पष्टीकरण मांग सकता है, प्राधिकारियों से टिप्पणी या रिपोर्ट मांग सकता है, स्कूल का औचक निरीक्षण कर सकता है या ऐसे अन्य कदम उठा सकता है जो तथ्यों का प्रमाणिकता जानने के लिए उचित लगे।’’इसमें कहा गया है, ‘‘तथ्यों की जांच पड़ताल के बाद बोर्ड स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा और स्कूल को 30 दिन के भीतर उसका जवाब देना होगा। जवाब की बोर्ड द्वारा जांच की जाएगी और तदनुसार शिकायत का निस्तारण किया जाएगा या जुर्माना लगाने के बारे में निर्णय किया जाएगा।’

bharti

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