इमिटेशन ज्वेलरी में करियर के साथ बिजनेस की भी संभावनाएं
punjabkesari.in Thursday, Jan 12, 2017 - 03:10 PM (IST)

नई दिल्ली : आजकल इमिटेशन ज्वेलरी ने 9 हजार करोड़ के उद्योग की सीमा लांघ ली है। अमीर लोगों में इमिटेशन ज्वेलरी का ट्रेंड इन दिनों बहुत बढ़ा है। इसलिए इस क्षेत्र में भी कॅरियर की संभावनाएं बढ़ गई हैं। इस क्षेत्र में अब प्रीमियम क्वालिटी रेंज आ गई है जिसमें गोल्ड, सिल्वर व प्लेटिनिम ज्वेलरी का समावेश है। इस क्षेत्र की विशेषता यह है कि इसके सभी प्रोडक्ट्स, फैंसी होने के कारण मटेरियल को बहुत ज्यादा महत्व न होकर सारा फोकस फैशन, पॉलिश व फिनिशिंग पर बहुत ज्यादा होता है। इस कारण इस इमिटेशन ज्वेलरी उद्योग में मार्जिन ऑफ प्रॉफिट भी बहुत है। सोने की दिनोंदिन बढ़ती कीमतें, चोरी के डर के चलते इस इमिटेशन ज्वेलरी का बिजनेस बहुत लोकप्रियता हासिल कर रहा है।
हर व्यक्ति अपना करियर बनाना चाहता है आवश्यकता होती है अच्छा और दमदार आइडिया ढूढ़ निकालने की। आजकल इमिटेशन ज्वेलरी ने 9 हजार करोड़ के उद्योग की सीमा लांघ ली है। अमीर लोगों में इमिटेशन ज्वेलरी का ट्रेंड इन दिनों बहुत बढ़ा है। इसलिए इस क्षेत्र में भी करियर की संभावनाएं बढ़ गई हैं। आजकल इस युग में नकली का बोलबाला है। असली कुछ मिलता ही नहीं।
इस क्षेत्र में अब प्रीमियम क्वालिटी रेंज आ गई है जिसमें गोल्ड, सिल्वर व प्लेटिनिम ज्वेलरी का समावेश है। इस क्षेत्र की विशेषता यह है कि इसके सभी प्रोडक्ट्स, फैंसी होने के कारण मटेरियल को बहुत ज्यादा महत्व न होकर सारा फोकस फैशन, पॉलिश व फिनिशिंग पर बहुत ज्यादा होता है। इस कारण इस इमिटेशन ज्वेलरी उद्योग में मार्जिन ऑफ प्रॉफिट भी बहुत है। सोने की दिनोंदिन बढ़ती कीमतें, चोरी के डर के चलते इस इमिटेशन ज्वेलरी का बिजनेस बहुत लोकप्रियता हासिल कर रहा है। अब समाज का हर वर्ग न सिर्फ धनी और उच्च बल्कि मध्यम वर्ग भी इस तरफ आकर्षित होने लगा है।
इस व्यवसाय में खास धूम मचाने वाले पूरे विश्व में सिर्फ दो ही देश है
पहला भारत और दूसरा चीन
इस इमिटेशन ज्वेलरी के निर्माण में चीन पहले क्रमांक पर है। भारत में इस व्यवसाय में 900 हजार करोड़ का लेन-देन होता है और लगभग पांच लाख लोगों को इस क्षेत्र में रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है। परन्तु बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ता है कि बीते दो सालों में चीन ने भारत से 30 प्रतिशत व्यवसाय छीन लिया है। इस प्रकार का कब्जा भारत में इमिटेशन ज्वेलरी के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है। इमिटेशन ज्वेलरी के आन-लाइन विक्रय का प्रतिशत मात्र एक है। अभी इसमें काफी सुधार लाने की आवश्यकता है। अनुमानत: इस उद्योग को घरेलू उद्योग में गिना जा सकता है। क्योंकि 20 से 30 लाख तक का रॉ मटेरियल लाकर घर में ही चार-पांच महिलाएं मिलकर ज्वेलरी का काम शुरू कर सकती हैं। इस ज्वेलरी का निर्यात कर पाना भी संभव हो सकेगा। जब उसके निर्माण में नए-नए डिजाइन का इस्तेमाल करें। इस उद्योग में हर साल 20 प्रतिशत की वृद्धि भी संभव हो सकती है। यदि हम भारत की ही बात करें तो सिर्फ महानगरी मुंबई में ही तीन हजार से अधिक उद्योजक इस व्यवसाय से जुड़े हैं।
ये सभी व्यवसायी उत्पादन, ट्रेडिंग निर्यात प्रोसेसिंग, रॉ मटेरीयल इत्यादि क्षेत्रों से जुड़े हैं। इन सब का टर्न ओव्हर से 1 लेकर 50 करोड़ तक का है। मुंबई की तर्ज पर ही यह उद्योग गुजरात और राजस्थान में भी फल-फूल रहा है। यदि उद्योजकों ने नई कनीक का लाभ उठाते हुए ई-कामर्स के माध्यम से पूरे विश्व में ज्वेलरी का विक्रय किया तो वो दिन दूर नहीं जब इस इमिटेशन ज्वेलरी का ग्राहक हाथों हाथ झेल लेगा। इस व्यवसाय को यदि आज का तरुण वर्ग या तरुणियां अपनाना चाहती हैं तो उन्हें पांच कामगार 500 वर्गफुट जगह, ई-कामर्स वेबसाईट का ज्ञान और मार्केटिंग का टेक्ट मालूम होना आवश्यक है।
कम लागत
इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए लागत (कैपिटल) 20 से 30 लाख रुपए अनुमानित हो सकती है। इस ज्वेलरी में 20 से 25 प्रतिशत नफा सहज रूप से प्राप्त किया जा सकता है। यह व्यवसाय अच्छा चल जाए तो लागत को देखते हुए एक साल में एक कोटि तक पहुंचा सकता है। इमिटेशन ज्वेलरी का मार्केट, यूरोप, अफ्रीका, अमेरिका और एशियाई देशों में बहुत बड़े प्रमाण पर होता है। यदि युवाओं ने मेहनत और लगन के साथ व्यवसाय किया तो न सिर्फ यह शहरों तक सीमित रहेगा बल्कि गांव, कस्बों तक फैलाया जा सकता है। इस उद्योग के शुरू होने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो सकते हैं। हम चाहेंगे युवा बेझिझक इस क्षेत्र में आएं। अच्छा कैरियर बनाएं, नाम कमाएं, निर्णय उन्हें लेने दें।
कोर्स के दौरान
तेज़ी से बढ़ते इस क्षेत्र की डिमांड लोगों को इसमें करियर बनाने के लिए आकर्षित कर रही है। ज्वेलरी डिज़ाइन कोर्स के दौरान अलग-अलग पत्थरों, ज्वेलरी बनाने में कलर कॉम्बिनेशन, डिज़ाइन थीम, प्रेज़ेंटेशन, फ्रेमिंग, कॉस्ट्म ज्वेलरी आदि सिखाया जाता है।
तकनीकी शिक्षा
ज्वेलरी डिज़ाइन कोर्स के दौरान कम्प्यूटर एडेड ज्वेलरी सॉफ्टवेयर, जैसे- ज्वेल कैड, ऑटो कैड, 3 डी स्टूडियो आदि के बारे में टेक्निकल नॉलेज भी दिया जाता है। इसके साथ ही फोटोशॉप, कोरल ड्रॉ, वेट एंड मेटल कम्पोजिशन के बारे में भी बताया जाता है।
प्रमुख संस्थान
जैमोलॉजी इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, मुंबई।
सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई।
जैमस्टोन्स आर्टिसन्स ट्रेनिंग स्कूल, जयपुर।
इंडियन जैमोलॉजी इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली।
जैम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, जयपुर।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली।
ज्वेलरी डिज़ाइन एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट, नोएडा।
एसएनडीटी यूनिवर्सिटी, मुंबई।
ग्लोबल मार्केट और फैशन के प्रति रुचि होना बहुत ज़रूरी
ज्वेलरी डिज़ाइन में करियर बनाने के लिए सबसे पहले इस क्षेत्र के प्रति लगाव और ज्वेलरी डिज़ाइन का सेंस होना बहुत ज़रूरी है। इसके साथ ही क्रिएटिव, कल्पनाशील, न्यू ट्रेंड का सेंस, फैशन सेंस आदि के साथ मेहनती होना बहुत आवश्यक है। ज्वेलरी डिज़ाइन में करियर बनाने की सोच रहे हैं, तो धैर्य को अपना साथी बना लें। इस काम में ईमानदारी भी बहुत ज़रूरी होती है। ख़ासतौर पर अगर आप किसी गोल्ड, डायमंड जैसी धातुओं से ज्वेलरी बनाने में लगे हैं, तो थोड़ी सी भी लापरवाही आपके व्यक्तित्व पर प्रश्?न चिह्न लगा सकती है। ग्लोबल मार्केट और फैशन के प्रति रुचि होना बहुत ज़रूरी है।
रोजग़ार के अवसर
ज्वेलरी डिज़ाइन में आगे बढऩे के लिए बहुत स्कोप है। कोर्स करने के बाद आप फुल टाइम किसी कंपनी के साथ जुडक़र काम शुरु कर सकते हैं। ज्वेलरी डिज़ाइन हाउस, एक्सपोर्ट हाउस, फैशन हाउस आदि जगहों पर आप काम शुरु कर सकते हैं। इसके साथ ही अगर आप आर्थिक रूप से मज़बूत हैं, तो ऑफिस-कम होम से भी काम शुरु कर सकते हैं। घर से काम शुरु करने के कई फ़ायदे होते हैं। घर के काम के अलावा आप अपने करियर को भी संवार सकते हैं। इतना ही नहीं दिन में किसी ऑफिस में काम करके आप घर पर पार्ट टाइम इस काम को जारी रख सकते हैं। आप अगर किसी कंपनी से फुल टाइम नहीं जुडऩा चाहते तो फ्रीलांस के तौर पर काम शुरू कर सकते हैं।