सिविल एविएशन इंडस्ट्री के साथ  करियर को मिलेगी नई उड़ान

punjabkesari.in Friday, Oct 12, 2018 - 02:01 PM (IST)

नई दिल्लीः पिछले महीने पूर्वोत्तर में सिक्किम के पहले पाकयोंग एयरपोर्ट के उद्घाटन से यह इलाका हवाई यातायात से देश के अन्य क्षेत्रों से जुड़ गया है। इसके साथ ही देश में हवाई अड्डों की संख्या 100 तक पहुंच गई। इस एयरपोर्ट के चालू हो जाने से अब सिक्किम के लोग भी कम पैसे और कम समय में देश में कहीं भी आ-जा सकेंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले चार सालों में हवाई जहाज से यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में 18 से 20 फीसदी तक तेजी आई है। सस्ता हवाई किराया होने से गर्मियों की छुट्टियों में परिवार के साथ घूमने-फिरने के अलावा अब लोग अक्सर हवाई यात्रा करते रहते हैं।

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बिजनेस के सिलसिले में लोगों द्वारा रोज एक शहर से दूसरे शहर में हवाई यात्राएं की जा रही हैं। एक आंकड़े के अनुसार, ट्रेनों के एसी डिब्बे में सफर करने वाले लोगों से ज्यादा लोग आज हवाई जहाज से यात्रा करते हैं। इंडिगो, स्पाइस जेट, जेट एयरवेज और एयर इंडिया के बीच बढ़ती प्रतियोगिता के कारण एयर फेयर भी लगातार कम होते जा रहे हैं। यही कारण है कि सिविल एविएशन इंडस्ट्री को देश की सबसे ज्यादा बढ़ने वाले क्षेत्रों में गिना जा रहा है। दुनिया में यह तीसरे सबसे बड़े विमानन बाजार के रूप में उभरा है।

 

सरकार की ‘उड़ान’ स्कीम और 100 फीसदी एफडीआइ को मंजूरी मिलने से अब नए-नए एयरलाइंस भी भारत में अपनी हवाई सेवाएं शुरू करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। ‘विस्तारा’ के रूप में संयुक्त हवाई सेवाएं शुरू करने पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में इन एयरलाइंस को अपने ऑपरेशन के लिए आजकल अपना करियर शुरू कर सकते हैं। पायलट ट्रेनिंग कोर्स के लिए 50 प्रतिशत अंकों के साथ पीसीएम विषय में 12वीं पास होना जरूरी है। यह एक साल का कोर्स होता है।

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एयर एशिया इंडिया में पीपुल ऐंड कल्चर के हेड पवन सेट्टी ने कहा कि पिछले तीन सालों से सिविल एविएशन को तेजी से बढ़ रही प्रमुख इंडस्ट्री के तौर पर देखा जा रहा है। इस समय देश में 500 से अधिक कॉमर्शियल एयरक्राफ्ट्स हैं। हवाई यात्राओं की बढ़ती मांग को देखकर कई नए करियर्स भी लगातार आ रहे हैं। एयरपोर्टस की संख्या भी 100 के पार पहुंच चुकी है। इसके अलावा, इस सेक्टर को और आगे बढ़ाने के लिए लगातार सुधार के कदम उठाए जा रहे हैं। जाहिर है युवाओं के लिए इस क्षेत्र में जॉब्स की संभावनाओं की कोई कमी नहीं है, जहां प्लाइट डेक (केबिन एवं कॉकपिट क्रू) और एयरक्राफ्ट ऐंड एविओनिक्स इंजीनियरिंग जैसे प्रोफेशनल्स के लिए आने वाले दिनों में और ज्यादा जॉब्स के मौके सामने आएंगे।
 
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जॉब्स की संभावनाएं
इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आइएटीए) की रिपोट के अनुसार, यूएस, चीन, जापान और ब्राजील के बाद सबसे बड़ा घरेलू एविएशन मार्केट भारत का है। लो-कास्ट करियर, मॉडर्न एयरपोर्ट, घरेलू एयरलाइंस में एफडीआइ सीमा बढ़ने से और क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी ने सिविल एविएशन इंड़स्ट्री को नई ऊर्जा और गति दी है। यही वजह है कि दुनिया भर के मैन्युफैक्चरर्स, टूरिज्म बोड्स, एयरलाइंस, ग्लोबल बिजनेस हाउसेज और ट्रैवेलर्स की दिलचस्पी इसमें बढ़ी है। स्पष्ट है कि यहां रोजगार की कमी नहीं होगी। आप केबिन क्रू के रूप में दुनिया घूमने का सपना पूरा कर सकते हैं। वहीं, एयरक्राफ्ट हैंडलिंग, पैसेंजर हैंडलिंग, टिकटिंग, एयरक्राफ्ट अपीयरेंस, कार्गो हैंडलिंग सर्विस, मैनपावर सॉल्युशन, ग्राउंड सर्विस आदि में भी काम करने के भरपूर अवसर हैं।
 


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Sonia Goswami

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