सॉफ्टवेयर टेस्टिंग में है करियर की नई संभावनाएं

Tuesday, Sep 19, 2017 - 02:12 PM (IST)

नई दिल्ली : आज के समय में युवाओं के लिए करियर बहुत महत्वपूर्ण है वह अपने करियर को लेकर इतने सजग हो गए है कि वह किस फील्ड में जाना  है इस बारे में पहले ही सोच लेते है। आज युवाओं के पास डॉक्टर, इंजीनियर बनने के अलावा भी कई सारे करियर अॉप्शन मौजूद है, जिनमें करियर बना कर वह अच्छी कमाई भी कर सकते है। आज के इस डिजीटल युग में सॉफ्टवेयर टेस्टिंग का चुनौतीपूर्ण करियर स्टूडेंट्स को खूब आकर्षित कर रहा है। वजह आकर्षक सैलरी के साथ ही रोजगार की ढेर सारी संभावनाएं। भारतीय सॉफ्टवेयर टेस्टिंग मार्केट भी तेजी से बढ़ रहा है। जो स्टूडेंट टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए यह क्षेत्र बेहतरीन साबित हो सकता है।

क्या है सॉफ्टवेयर टेस्टिंग
जब सॉफ्टवेयर तैयार होता है,तो इसकी गुणवत्ता को परखने के लिए सॉफ्टवेयर टेस्टर की जरूरत होती है। दरअसलए सॉफ्टवेयर टेस्ट,सॉफ्टवेयर इंजीनियर, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की तरह ही एक अलग प्रोफेशन है। सॉफ्टवेयर के निर्माण और विकास से सॉफ्टवेयर टेस्टर का कुछ ज्यादा सरोकार नहीं होता है। जब सॉफ्टवेयर इंजीनियर और डेवलपर्स किसी सॉफ्टवेयर को तैयार कर लेते हैं,इसके बाद शुरू होता है

सॉफ्टवेयर टेस्टर का काम
गुणवत्ता भी जांचते हैं टेस्टर। सॉफ्टवेयर की गुणवत्ता, तकनीकी क्षमता और उसकी स्टैबिलिटी को परखते हैं। आमतौर पर टेस्टिंग को दो हिस्सों में बांटा जाता है। मैनुअली टेस्टिंग और आॅटोमैटेड टेस्टिंग। मैनुअली टेस्टिंग में टेस्टर सामान्य तौर पर ही किसी सॉफ्टवेयर की जांच करते हैं,लेकिन आॅटोमैटेड टेस्टिंग में टेस्टिंग टूल का इस्तेमाल किया जाता है।

कोर्स ऐंड क्वालिफिकेशन
कम्प्यूटर एजुकेशन देने वाले देश में प्रमुख संस्थान सॉफ्टवेयर टेस्टिंग में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स मुहैया कराते हैं। इसके अलावा इंटरनेशनल सॉफ्टवेयर टेस्टिंग क्वालिफिकेशन बोर्ड द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त कोर्स उपलब्ध है। जो देश के साथ-साथ विदेश में नौकरी दिलाने में मददगार होता है। आमतौर पर सॉफ्टवेयर टेस्टिंग कोर्स में एडमिशन के लिए कई संस्थान बीएससीए बीसीए,एमएससी,बीईए बीटेक,एमई,एमटेक जैसी डिग्री की डिमांड करती है।

सॉफ्टवेयर टेस्टर का कार्य
सॉफ्टवेयर टेस्टिंग सेवाओं की आउटसोर्सिंग के क्षेत्र में भारत अग्रणी है। यहां का टेस्टिंग मार्केट आकार के लिहाज से अंतरराष्ट्रीय मार्केट की तुलना में कहीं अधिक तेजी से बढ़ रहा है। जिस तरह हमारे टेस्टर्स ऊंचे से ऊंचे दर्जे केए जटिल से जटिल सिस्टम्स को सफलता से टेस्ट कर रहे हैं, उसे देखकर यह विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि भारतीय टेस्टर किसी से भी कम नहीं। टेस्टर के लिए सभी नए सॉफ्टवेयर का ठीक तरह से आकलन अहम होता है। इसके बाद टेस्टिंग की कार्ययोजना तैयार करना,उनका क्रियान्वयन करना दोष व खतरे को तलाशना ,उनकी रिपोर्ट तैयार करना टेस्टर की ही जिम्मेवारी होती है।

संभावनाएं
मैकिंजे ऐंड कंपनी द्वारा वर्ष 2020 तक की संभावनाओं पर जारी एक रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा तेजी, टैलेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर की आपूर्ति के दम पर भारतीय आईटी इंडस्ट्री का निर्यात कारोबार 2020 तक 178 अरब डॉलर का हो जाएगा। घरेलू कारोबार की हिस्सेदारी 2020 तक 50 अरब डॉलर का हो जाएगा। इस समय भारत की कई आईटी सॉफ्टवेयर कंपनी अब नई भर्तियां करने की घोषणा की हैं। सॉफ्टवेयर कंपनियों की बात करें, तो इनमें टीसीएस, विप्रो, सत्यम, इन्फोसिस, कॉग्निजंट आदि प्रमुख हैं, जहां आप बेहतर करियर की उम्मीद कर सकते हैं।

इंस्टीट्यूट वॉच 
एसक्यूटीएल इंटीग्रेटेड सोल्यूशंस प्राणली,पुणे 
त्यागराज कॉलेज आॅफ इंजीनियरिंग,मदुरई 
डाटाप्रो कम्प्यूटर प्राणली विशाखापत्तनम 
इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ सॉफ्टवेयर टेस्टिंग,कोयम्बटूर
अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई

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