माइनिंग इंजीनियरिंग में करियर बना पाएं मोटी सैलरी

Saturday, Sep 24, 2016 - 05:55 PM (IST)

 नई दिल्ली : खनन भारत के सबसे मुख्य और जीडीपी में मोटे योगदान वाले सेक्टर के तौर पर जाना जाता है। यह 88 खनिजों का उत्पादन करता है जिनमें से 4 ईंधन वाले, 10 धातु वाले, 50 गैर-धातु और 24 छोटे खनिज शामिल हैं। सर्वे करने वाली संस्था मकिंजी कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले समय में भारतीय माइनिंग सेक्टर में 60 लाख नए रोजगार आने की संभावना है। इसके अलावा यह सेक्टर साल 2025 तक देश की जीडीपी में तकरीबन 4700 करोड़ डॉलर का योगदान दे रहा होगा। इसलिए वे युवा जो अभी करियर तय करने की कगार पर हैं। उनके लिए यकीनन यह फील्ड बढ़िया साबित होगी क्योंकि जितने समय वे इस फील्ड का कोर्स करके तैयार होंगे, लगभग उतने ही समय में यह क्षेत्र रोजगार की नई खेप के साथ खड़ा होगा।आइए हम आपको बताते है कि कैसे  आप इस फील्ड में करियर बना अच्छी सैलरी पा सकते हैं।


इसलिए यहां मिलेगी नौकरी 

भारत छठा सबसे बड़ा लौह अयस्क का उत्पादन करने वाला और पांचवां बॉक्साइट अयस्क उत्पादक देश है। इसके पास 302 बिलियन कोयले का रिजर्व और 3000 से ज्यादा ऑपरेशनल माइंस हैं। इन अयस्कों की मांग दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि अगले पंद्रह वर्षों में अयस्कों की डिमांड बढ़ कर दोगुनी हो जाएगी। जियॉलजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) के अनुसार, देश में करीब 31.4 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में खनिज उपलब्ध हैं। इनमें से करीब 5.71 लाख वर्ग किलोमीटर की पहचान गैर-ईंधन और गैर-कोयला खनिज उत्पादक क्षेत्र के तौर पर की गई है। वर्तमान में करीब 4550 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को लीज पर माइनिंग के लिए दिया गया है।

माइनिंग की पढ़ाई

माइनिंग की फील्ड को मिनरल फील्ड भी कहते हैं। इसमें उन तकनीक और तरीकों की पढ़ाई होती है जिनसे कई धातुओं के अयस्क खनन के जरिए इकठ्ठा किए जाते हैं। इसमें धातु, नॉन मेटलिक, मार्बल्स, सॉलिड फ्यूल (कोयला आदि), चूना पत्थर (सीमेंट के लिए), ऊर्जा स्रोत और न्यूक्लियर मटीरियल शामिल रहते हैं। अयस्क हासिल करने में कई चरण की प्रक्रिया शामिल रहती है। इसमें उसे ढूंढना, वहां माइनिंग की संभावनाओं को चेक करना, माइनिंग से होने वाले मुनाफे का अंदाजा लगाना, क्षेत्र को मानिंग के लिए डिवेलप करना, माइनिंग करना, अयस्क से धातु का उत्पादन करना और मार्केटिंग करने तक की प्रक्रिया शामिल होती हैं। इसमें माइनिंग वाले बंदे को वैज्ञानिक तकनीकों और टेक्नॉलजी की मदद से ये काम करने होते हैं।

किसी भी अन्य सेक्टर्स के मुकाबले माइनिंग में कैंडिडेट का भविष्य ज्यादा उज्जवल है। इसलिए अगर आप 12वीं बाद इंजीनियरिंग करने की सोच रहे हैं तो इस क्षेत्र में  करियर बनाना  भविष्य के लिए बढ़िया साबित होगा।

अच्छी सैलरी का क्षेत्र

सैलरी के मामले में यह सेक्टर बहुत अच्छा है। वह इसलिए क्योंकि इस क्षेत्र में काम बहुत है और लोग कम। इस क्षेत्र में शुरुआत ही कम से कम 25 हजार रुपये महीने से होती है। दो साल की सर्विस होते-होते सालाना सैलरी 7 लाख रुपये तक बढ़ सकती है। इसमें माइनिंग कंपनी और कैंडिडेट, दोनों की परफॉर्मेंस अहमियत रखती हैं।
माइनिंग के कोर सेक्टर में सैलरी पैकेज ज्यादा मिलता है क्योंकि उसमें फील्ड जॉब होती है। कोर सेक्टर में कंपनियां मैनेजमेंट ट्रेनी लेवल पर कैंडिडेट को लेती हैं और एक साल की ट्रेनिंग के बाद उन्हें मैनेजर पद पर प्रमोट कर देती हैं। दूसरा हिस्सा माइनिंग लॉज, सेफ्टी और अन्य जरुरतों का होता है। 


कोर्सेज

बीटेक/एमटेक इन माइनिंग इंजिनियरिंग, पीजी डिप्लोमा इन मिनरल इंजिनियरिंग, डिप्लोमा इन माइनिंग ऐंड माइन सर्वेइंग इंजिनियरिंग, पीएचडी इन माइनिंग इंजिनियरिंग/माइनिंग ऐंड मिनरल इंजिनियरिंग, माइन ऐंड क्वैरी इंजिनियरिंग, सिविल इंजिनियरिंग, मिनरल सर्वेइंग और जियॉलजी डिग्री ।

ये कंपनियां देती हैं नौकरियां

कोल इंडिया लिमिटेड, टाटा स्टील, रियो टिनटो, वाइजैग स्टील, मोनेट इस्पात, वेदांता, एचजेडएल, एचसीएल, इलेक्ट्रोस्टील, द इंडियन ब्यूरो ऑफ माइनिंग, जियॉलजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, आईपीसीएल, नालको, अडानी माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड। 


 संस्थान 
एमवीएस इंजिनियरिंग कॉलेज, हैदराबाद; बीएचयू, वाराणसी, उत्तर प्रदेश; रीजनल इंजिनियरिंग कॉलेज:- आंध्र प्रदेश और असमम, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, केरल; आईआईटी गुवाहाटी, असम, दिल्ली, मुंबई, कानपुर, खड़गपुर, गर्वमेंट इंजिनियरिंग कॉलेज:- भागा खनन (राजकीय पॉलिटेकनीक), भागा, झारखंड; बिरसा प्रौद्योगिकी संस्थान, सिंद्री, झारखंड; विश्वविद्यालय इंजिनियरिंग कॉलेज, काकतीया विश्वविद्यालय, तेलंगाना; विश्वेस्वरैया भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (वी.एन.आई.टी.) नागपुर। 


 

 

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