अमीर बनना चाहते है तो करियर की शुरुआत में ना करें यह गलतियां

punjabkesari.in Monday, Jul 10, 2017 - 05:04 PM (IST)

नई दिल्ली : आज के आधुनिक युग में युवा कॉलेज से पहले ही नौकरी पा लेते है ताकि वह जल्द अपने करियर और जिंदगी में आगे बढ़ सकें। अगर अच्छी जॉब मिल जाए तो इसका जश्न होेना तो लाजमी है। एेशो अराम भरी जिंदगी जीने की चाहत रखने वाले यह युवा कई बार अधिक खर्चो की वजह से कई सारी परेशानियों में फंस जाते है जिसका खामियाजा उन्हें जिंदगी भर भुगतना पड़ता है। आइए जानते है कुछ एेसी ही गलतियोें के बारे जो अक्सर जॉब मिलने के बाद युवा करते है  

समय पर निवेश की शुरुआत नहीं
युवाओं की सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि वह समय पर निवेश शुरू नहीं करते। एक्सपर्ट्स के मुताबिक छोटी उम्र से निवेश शुरू करने पर लोग कम खर्च में ज्यादा फायदे पा सकते हैं। अधिकांश बीमा पॉलिसी में उम्र बढ़ने के साथ एक जैसे बेनेफिट्स के लिए ज्यादा रकम चुकानी पड़ती है। वहीं बैचलर लाइफ में जिम्मेदारियां सीमित होती हैं, जिसकी वजह से छोटी कमाई में से भी निवेश के लिए रकम बचाना मुश्किल नहीं होता। 

समय से पहले घर खरीदना
विदेश का ये कॉन्सेप्ट अब भारत में भी दिखने लगा है,जहां युवा अच्छी जॉब मिलने के साथ अलग रहने का मन बनाने लगते हैं जिससे उन्हें फ्रीडम मिले। या फिर जल्द से जल्द घर खरीदने की योजना बनाते हैं,भले ही वे इसके लिए तैयार न हों। जब तक जरूरी न हो युवा अपने माता पिता के साथ बने रह सकते हैं। इससे न केवल पैरेंट्स को साथ मिलता है,वहीं इस दौरान वे किराए पर खर्च की जाने वाली रकम बचा सकते है।साथ ही घर खरीदना कोई आम फैसला नहीं होता,इसमें आगे बढ़ने वाले परिवार की जरूरत अपनी सुविधाएं,आस-पास का माहौल अहम होता है। बैचलर और परिवार वाले लोगों की जरूरतें अलग-अलग होने की वजह से प्रॉपर्टी निवेश को लेकर ज्यादा गंभीरता से सोचने की जरूरत होती है।

क्रेडिट कार्ड बिल के लिए न्यूनतम पेमेंट करना
अच्छी जॉब लगने के साथ ही क्रेडिट कार्ड बनना आसान होता है,लेकिन युवा लोग क्रेडिट कार्ड के साइड इफेक्ट नहीं समझते और इसके जाल में उलझ जाते हैं। समस्या तब होती है जब लोग अपने क्रेडिट कार्ड पर सिर्फ न्यूनतम पेमेंट करते हैं,इसका मतलब ये है कि आप कर्ज चुका नहीं रहे हैं सिर्फ ब्याज चुका रहे हैं।वही हर महीने न्यूनतम पेमेंट चुकाने से लोगों को गलतफहमी हो जाती है कि वो अपना बिल आसानी से मैनेज कर रहे हैं। हकीकत में आप तब भी शॉपिंग कर रहे होते हैं जब आप पर कर्ज बोझ बन चुका होता है।

जरूरत से ज्यादा इच्छा पर शॉपिंग
ऑफिस जाने के लिए टू व्हीलर चाहिए,लेकिन मार्केट में 50 हजार से लेकर लाखों की बाइक तक मौजूद है। आप कौन-से टू-व्हीलर या बाइक का चुनाव करेंगे। उदाहरण के लिए बाइक का लुक्स,पावर उनके लिए खास होता है। दूसरी तरफ ऑफिस जाने के लिए माइलेज और बाइक की ईएमआई का कैलकुलेशन जरूरी होता है।जो युवा इच्छा के हिसाब से खर्च करते हैं वो जल्द ही फाइनेंशियल क्राइसिस में फंस जाते हैं।

छोटी बचत की परवाह नहीं
युवाओं के फाइनेंशियल क्राइसिस में फंसने की बड़ी वजह से है कि वे छोटी-छोटी बचत की परवाह नहीं करते।निवेश के मामले में वो हमेशा बड़े दांव की बात करते है,इस वजह से छोटी और सिस्टेमेटिक बचत से लंबी अवधि में मिलने वाले ऊंचे रिटर्न से चूक जाते हैं। हर महीने में 100 रुपए या 500 रुपए जैसी छोटी बचत भी आने वाले 10-15 साल अच्छी रकम में बदल सकती है। 


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