NDA के कैंडिडेट भी पढ़ेंगे कश्मीरी, पश्तो और डारी भाषाएं

Monday, Jul 30, 2018 - 07:00 PM (IST)

नई दिल्ली : राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) ने इस शैक्षणिक वर्ष से अपने पाठ्यक्रम में कश्मीरी, पश्तो और डारी भाषाएं शामिल की हैं। इस कदम से प्रशिक्षु अधिकारियों को जम्मू-कश्मीर में तैनाती के वक्त मदद मिलेगी। एनडीए के एक अधिकारी ने बताया कि पाठ्यक्रम की शुरुआत इस महीने हुई और इन भाषाओं को अकादमी में (तीन साल के पाठ्यक्रम के) अंतिम वर्ष में कैडेटों को अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा।

अधिकारी ने कहा,‘‘युवा अधिकारियों को जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर सेवाएं देनी होती हैं, जहां दुश्मन की ओर से पश्तो और डारी भाषाओं का खूब इस्तेमाल किया जाता है।’’उन्होंने कहा,‘‘कश्मीरी हमारी भाषा है और उस राज्य से हमारे यहां बड़ी तादाद में लोग हैं।’’डारी और पश्तो अफगानिस्तान में बोली जाने वाली भाषाएं हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या इन भाषाओं का अध्ययन शुरू करने के लिए सेवा मुख्यालय को कोई विशिष्ट आवश्यकता महसूस हुई थी, इस पर अधिकारी ने कहा कि कोई विशिष्ट मांग नहीं थी।

एनडीए की स्थापना के वक्त से ही आधुनिक भाषाएं इस संस्थान में पढ़ाई जाती रही हैं। हिंदी पहले से पाठ्यक्रम में है और कैडिडेंट्स को पढ़ाई जाती है। शैक्षणिक पाठ्यक्रम के अनिवार्य हिस्से के तौर पर एनडीए के दूसरे, तीसरे और चौथे सेमेस्टरों में विदेशी भाषाएं पढ़ाई जाती हैं।अधिकारी ने बताया, ‘‘अकादमी में अभी पढ़ाई जाने वाली विदेशी भाषाओं में चीनी, अरबी, फ्रांसीसी और रूसी शामिल हैं।’तीनों रक्षा सेवाओं के मुख्यालय द्वारा एनडीए के पाठ्यक्रम की नियमित अंतराल पर समीक्षा की जाती है और अकादमी के साथ-साथ एक संयुक्त प्रशिक्षण समिति इसके क्रियान्वयन की समीक्षा करती है। 
 

bharti

Advertising