''बहादुरी की कहानी'' इमरजेंसी को किताबों में मिलेगी जगह: जावड़ेकर

Tuesday, Jun 26, 2018 - 09:38 AM (IST)

नई दिल्ली:  बीजेपी मुख्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने 43 साल पहले देश में लगी इमरजेंसी को 'काला अध्याय' और देश में लोकतंत्र पर हमला बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय इसपर कुछ सामग्री पाठ्य पुस्तकों में शामिल कराने पर काम करेगा, ताकि नई पीढ़ी को इस बारे में जागरूक किया जा सके। बता दें कि इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की थी।

जावड़ेकर ने कहा, 'हमारे पाठ्यपुस्तकों में आपातकाल पर कुछ अध्याय और स्तंभ हैं, उसकी समीक्षा की जाएगी और इस काले अध्याय और देश में लोकतंत्र पर हमले को पुस्तकों में और जगह दी जाएगी, ताकि नई पीढ़ी को जागरूक किया जा सके। हम इसपर निश्चित रूप से काम करेंगे।'


जावडेकर ने यह भी कहा कि आपातकाल अब महज शब्द लगता है, लेकिन यह वास्तव में 'बहादुरी की कहानी' और 'संघर्ष का उत्सव' है, जो पाबंदियों और अधिकारों में कटौती के दौर को खत्म करने के लिए किया गया था।

वहीं उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने भी इमरजेंसी को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने पर जोर दिया है। नायडू ने कहा कि यह समय आपातकाल के अंधेरे युग को पाठ्यक्रम का एक हिस्सा बनाने का है, ताकि युवाओं को लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का महत्व पता चल सके। नायडू ने कहा कि आपातकाल का महत्वपूर्ण सबक यह है कि यह हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह अपने साथी नागरिक की आजादी बनाए रखे और असहिष्णुता को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।

pooja

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