ब्लड बैंक टेक्नीशियन बन संवारें भविष्य

punjabkesari.in Monday, Feb 26, 2018 - 12:39 PM (IST)

नई दिल्ली : ब्लड बैंक टैक्नोलॉजी मैडीकल और क्लीनिकल लैब टैक्नोलॉजी की फील्ड एक व्यापक श्रेणी में आती है। ब्लड बैंक टैक्नीशियन, आमतौर पर फ्लेबोटोमिस्ट के रूप में प्रशिक्षित किए जाते हैं और यह मरीजों के साथ विभिन्न सैटिंग्स, ब्लड को इकट्ठा करने और लेबिंलग करने का काम करते हैं। ब्लड बैंक टैक्नीशियन आमतौर पर मैडीकल प्रयोगशालाओं और ब्लड बैंक्स में काम करते हैं। जहां यह संचरण के लिए डोनर से ब्लड कलैक्ट करके स्टोर करते हैं। इसके अलावा ब्लड का टाइप,कलैक्ट किया ब्लड सुरक्षित है कि नहीं, ब्लड में स्वस्थ अणुओं के स्तर की भी जांच करते हैं। ब्लड बैंक टैक्नीशियन का कोर्स नैशनल स्किल डिवैल्पमैंट कार्पोरेशन के तहत आता है। इस कोर्स को करके आप एक अच्छा भविष्य तो बना ही सकते हैं साथ ही प्रधानमंत्री के मिशन कौशल भारत, कुशल भारत में भी साथ दे सकेंगे।  

कार्यक्षेत्र
ब्लड  बैंक टैक्नीशियन की ज्यादातर गतिविधियां कार्यालय आधारित होती हैं। वे ब्लड बैंक्स और प्रयोगशालाओं में ही काम करते हैं। डोनर से ब्लड लेकर उसकी बारीकी से जांच करना। उस ब्लड का टाइप पता करने और खासकर वह ब्लड कितना सुरक्षित है यह देखना फिर आपातकालीन समय के लिए उस ब्लड को स्टोर करने तक का काम ब्लड तकनीशियन का ही होता है। इसके अलावा अस्पताल की लैब में पेशैंट्स के ब्लड की जांच और उससे सम्बन्धी जानकारियों को इकठ्ठा करना भी ब्लड बैंक टैक्नीशियन का काम होता है। इन सभी कार्य के साथ-साथ टैक्नीशियन ब्लड का रिकॉर्ड भी तैयार करता है। जो उम्मीदवार इस फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं उनमें स्वतंत्र रूप से काम करने की क्षमता आवश्यक है साथ ही उनमें एक अच्छा विश्लेषणात्मक कौशल भी होना चाहिए।

कोर्स एवं योग्यता
डिप्लोमा और सर्टीफिकेट कोर्स इन ब्लड बैंक टैक्नोलॉजी के लिए अभ्यर्थी का किसी भी संकाय व किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12 वीं पास होना अनिवार्य है। इन कोर्स के दौरान अभ्यर्थियों  की  प्रैक्टिकल ट्रेनिंग में खासा ध्यान रखा जाता है जिसमें उन्हें तरह-तरह के ब्लड सैंपल्स की जांच सिखाई जाती है। इसके अलावा ब्लड के हर जरूरी तत्व को समझाया जाता है। कोर्स के दौरान आपातकालीन स्थिति या किसी भी तरह की आपदा की स्थिति से किस तरह से निपटा जाए और कैसे उस स्थिति पर काबू पाया जाए, यह भी सिखाया जाता है। इस फील्ड में आप एस.एस.सी. के द्वारा भी परीक्षा देकर किसी भी सरकारी पद के लिए आवेदन कर सकते है।  

अवसर
यूं तो इस कोर्स में डिप्लोमा लेने के बाद हर राज्य में सरकारी व गैर-सरकारी विभाग में नौकरी के कई नए अवसर खुल जाएंगे। इसके अलावा अभ्यर्थी प्राइवेट अस्पताल या प्राइवेट लैब में भी काम करके खासा पैसा कमा सकते हैं। वर्तमान समय की अगर बात की जाए तो मैडीकल लैब की मार्कीट में भरमार है और बड़ी-बड़ी कंपनियां जैसे डॉ. पाथ लैब  और रैनबैक्सी आदि तो हर शहर में अपनी लैब  खोल रहे हैं। जिनके ब्लड बैंक डिपार्टमैंट में खासी डिमांड है। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंक्स में भी अभ्यर्थी नौकरी पा सकता है। 

पारिश्रमिक
डिप्लोमा और सर्टीफिकेट इन ब्लड बैंक टैक्नोलॉजी कोर्स करने के बाद आप बतौर टैक्नीशियन किसी भी ब्लड बैंक  में काम कर सकते हैं। अनुभव के आधार पर आगे चलकर आप रिसर्च करके ब्लड बैंक स्पैशलिस्ट भी बन सकते हैं। इन्हें शुरूआती वेतन के तौर   पर 10  से लेकर 15 हजार रुपए प्रतिमाह तक पारिश्रमिक मिल सकता है। तजुर्बे के आधार पर उनके वेतन में इजाफा होता चला जाता है। साथ ही खुद की लैब भी शुरू कर सकते हैं या किसी प्राइवेट लैब में भी  उचित वेतन पर काम कर अपना करियर संवार सकते हैं। 

प्रमुख संस्थान
दिल्ली पैरामैडीकल एंड मैनेजमैंट इंस्टीच्यूट, नई दिल्ली
महर्षि मर्केंडेश्वर यूनिवॢसटी, अम्बाला, हरियाणा
शिवालिक इंस्टीच्यूट ऑफ पैरामैडीकल टैक्नोलॉजी, चंडीगढ़
इंडियन मैडीकल इंस्टीच्यूट ऑफ नर्सिग, जालंधर, पंजाब


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