पुस्तकों की कालाबाजारी को रोकने के लिए एससीईआरटी ने बनाया QR code

punjabkesari.in Thursday, Jan 31, 2019 - 05:19 PM (IST)

करनाल (नरवाल): स्कूली पुस्तकों को लेकर हर साल होने वाली कालाबाजारी को रोकने के लिए एससीईआरटी एक बड़ी पहल करने जा रहा है। जिसमें जहां एक ओर राजकीय स्कूलों में एक कोड के जरिए शिक्षकों को विषय सरल तरीके से पढ़ाने के लिए उदाहरण मिलेंगे तो वहीं दूसरी ओर नकली पुस्तकों की बाजार में उपलब्धता को लेकर भी समस्या कम होगी। एससीईआरटी की ओर से इस क्विक रिस्पॉन्स कोड को दीक्षा प्रॉजेक्ट के तहत शामिल किया गया है। जिसके तहत अगले शैक्षणिक सत्र में किताबों में कोड लगा मिलेगा। इसमें हर चैप्टर में क्यूआर कोड लगा होगा, ताकि इसे मोबाइल से स्कैन कर शिक्षकों को किसी विषय को समझाने के लिए ई-सामग्री मिल पाए।

 

बॉक्स प्राइमरी की 16 किताबों में क्यूआर कोड एससीईआरटी की ओर से राज्य में प्राइमरी की 16 किताबों में क्यूआर कोड लगाए हैं। पहले चरण में पहले से 5वीं क्लास की किताबों में कोड दिया गया है। विभागीय जानकारी के अनुसार नए सत्र में जुलाई से छात्रों को जो पुस्तकें मिलने जा रही हैं, उसमें क्यूआर कोड डाला गया है। छात्र और अध्यापक संबंधित पाठ के ऊपर बने कोड को अपने स्मार्ट फोन से जैसे ही स्कैन करेंगे, पाठ से संबंधित जानकारी और ऑडियो सब कुछ मोबाइल के स्क्रीन पर आ जाएगा। इस सुविधा से विद्यार्थी मोबाइल फोन पर एक क्लिक से अपनी पाठ्य पुस्तकें पढ़ सकेंगे। क्यूआर कोड की सहायता से शिक्षक पाठ्य पुस्तक में दी गई विषय वस्तु के अतिरिक्त टेस्ट, ऑडियो एवं वीडियो के रूप में उपलब्ध डिजिटल पाठ्य सामग्री को ऑनलाइन देख कर शिक्षण कार्य में उसका प्रभावी प्रयोग भी कर सकेंगे।

 

बॉक्स क्लास रूम में ऐसे कर सकेंगे इस्तेमाल पहली से 5वीं क्लास की किताबों में हर चैप्टर पर क्यूआर कोड लगाया गया है। ऐसे में क्लास रूम में शिक्षक अपने फोन से कोड स्कैन करके विषय सामग्री खुलेगी। जिसमें उस चैप्टर से संबंधित कई कंटेंट मौजूद होगा। इससे शिक्षक के पास बच्चों को समझाने के लिए कई विकल्प मौजूद रहेंगे। यहां ऑडियो, विडियो एनिमेशन के अलावा अन्य एजुकेशनल चीजें भी होंगी। इसके लिए शिक्षकों को दीक्षा एप मोबाइल पर डाउनलोड करना अनिवार्य होगा। बॉक्स दीक्षा पोर्टल पर जल्द ही अपलोड कर दिया जाएगा जिला शिक्षा विभाग के विज्ञान विशेषज्ञ सुशील कुमार ने बताया कि एससीईआरटी  कि यह योजना स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार को लेकर एक सकारात्मक कदम हैं। 

 

उन्होंने बताया कि दीक्षा पोर्टल पर जल्द ही यह अपलोड कर दिया जाएगा, ऐसे में यह शिक्षा का एक छोटा सा रिसोर्स बैंक बनाया गया है, जिससे प्राथमिक शिक्षा को और बेहतर किया जा सकता है। बॉक्स यह भी होगा लाभ इस योजना के तहत यदि एक किताब भी पूरे स्कूल में है तो उसे शिक्षक या अभिभावक क्यूआर कोड के जरिए पठन-पाठन सामग्री को पढ़ सकेंगे और जरूरत पडऩे पर उसे डाउन लोड कर उसका प्रिंट भी ले सकेंगे। इसके अतिरिक्त इससे बच्चों की पीठ का बोझ भी कम होगा और जब चाहें वह स्मार्ट फोन, लैपटॉप, टैब आदि के जरिए पूरा विषय व सामग्री पढ़ सकेंगे।


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pooja

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