अॉफबीट में करियर बनाने के लिए ये है बेस्ट अॉप्शन

punjabkesari.in Wednesday, Jul 05, 2017 - 06:47 PM (IST)

नई दिल्ली : बोर्ड के परीक्षा परिणामों की घोषणा के बाद कॉलेजों में  भी एडमिशन की प्रकिया शुरु हो गई है। ऐसे में कई स्टूडेंट्स अभी यह इस सोच में है कि बाहरवी के बाद कौन से कोर्स लिया जाए जिससे उनके भविष्य का आधार तय हो सके। इंजीनियरिंग, मेडिकल के अलावा भी कई ऐसे ऑफबीट कोर्स है जिसका इस समय काफी डिमांड है। आज के दौर में ऐसे स्टूडेंट्स की कमी नहीं हैं, जो लीक से हटकर अपना करियर बनाना चाहते हैं। अभी तक इन कोर्सो के प्रति युवाओं का रूझान काफी कम देखा जा रहा है। लेकिन आने वाले समय में मार्केट में इसकी डिमांड बढऩे वाली है।  जानिए कुछ ऐसे ही आॅफबीट्स करियर के बारे में, जहां करियर के भरपूर अवसर हैं

मरीन इंजीनियरिंग
मरीन बायॉलजी,ओशनोग्राफी और ओशन इंजीनियरिंग में मरीन साइंस के अंतर्गत काम करने की अधिक संभावनाएं रहती हैं। पढ़ाई के दौरान स्टूडेंट्स को समुद्री जीवों, वनस्पतियों के बारे में बताया जाता है। ओशन इंजीनियरिंग में समुद्र की स्टडी में यूज होने वाले उपकरण बनाने और उनके इस्तेमाल की जानकारी दी जाती है। बाहरवी के बाद बीएससी मेरिन बायोलॉजी या फिर बीटेक मेरीन बायोलॉजी का चयन कर सकते है।

न्यूक्लियर साइंस
न्यूक्लियर साइंस की फील्ड में नौकरी और रिसर्च की काफी संभावनाएं हैं। इसमें ऊर्जा का क्षेत्र अलग है, वहीं न्यूक्लियर रिएक्टर डिजाइन, सेफ्टी जैसे कई सब्जेक्ट इससे जुड़े रहते हैं। बाहरवी के बाद आप इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते है। इसमें करियर बनाने के लिए बीटेक या बीएसएसी इन न्यूक्लियर साइंस होना जरूरी है। इसके अलावा रिसर्च में करियर बनाने के लिए पीएचडी भी कर सकते हैं।

कार्टोग्राफर
कार्टोग्राफर साइंटिफिकल, टेक्नॉलजिकल और ज्योग्राफिकल इन्फर्मेशन को डायग्राम, चार्ट, स्प्रेडशीट और मैप के रूप में पेश करता है। इसमें डिजिटल मैपिंग और ज्योग्राफिकल  इंफर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) सबसे ज्यादा काम में आता है।कार्टोग्राफर बनने के लिए बैचलर ऑफ कार्टोग्राफी करना होता है। अर्थ साइंस और अन्य फिजिकल साइंस ग्रैजुएट स्टूडेंट्स भी इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। उन्हें अपने बीएससी या बीटेक में एक सब्जेक्ट कार्टोग्राफी रखना चाहिए

डिजिटल फरेंसिक एक्सपर्ट
इस समय साइबर क्राइम के मामले दिनों दिन बढ़ रहे हैं। ऐसे में कंप्यूटर फरेंसिक की फील्ड में काफी संभावनाएं बढ़ी हैं। कंप्यूटर फॉरेंसिक एक्सपर्ट को साइबर पुलिस, साइबर इंवेस्टिगेटर या डिजिटल डिटेक्टिव भी कहा जाता है। इन्हें डिजिटल सबूत जुटाने की ट्रेनिंग दी जाती है। यह फील्ड काफी रोचक मानी जाती है। इस फील्ड में सरकारी और प्राइवेट दोनों जगह जॉब के अ'छे ऑप्शन हैं।डिजिटल फरेंसिक एक्सपर्ट बनने के दरवाजे डिजिटल फरेंसिक साइंस में बीएससी करने के बाद खुलते हैं। हाई पोस्ट जॉब्स के लिए मास्टर्स डिग्री इन डिजिटल फरेंसिक साइंस जरूरी है।

न्युट्रिशनिस्ट
न्युट्रिशन एक्सपर्ट की आवश्यकता गांव से लेकर कॉरपोरेट वल्र्ड और फूड रिसर्च सेंटर तक में है। जीवनशैली और खान-पान की आदतों में बड़ी तेजी से बदलाव आने से न्युट्रिशन साइंस में करियर के अवसर बढ़े हैं। आहार और पोषण से जुड़े एक्सपर्ट लोगों को उम्र, सेक्स, शारीरिक कार्यक्षमता और विभिन्न प्रकार की बीमारियों के अनुसार खान-पान की सलाह देता है। न्युट्रिशनिस्ट बनन के लिए आपको न्युट्रिशन या फूड साइंस में बैचलर डिग्री लेनी होगी। होम साइंस और अन्य साइंस सब्जेक्ट के स्टूडेंट भी इसमें करियर बना सकते हैं।

साउंड इंजीनियर
इन दिनो फिल्मों में साउंड इफेक्ट्स पर काफी जोर दिया जाने लगा है। खासकर हॉलिवुड फि ल्मों में इसका जमकर इस्तेमाल होता है। विदेशों में भी भारतीय साउंड इंजीनियरों की मांग बढ़ती जा रही है। स्लमडॉग मिलेनियर के लिए साउंड एंड म्यूजिक में रसूल पुकुटी के ऑस्कर अवॉर्ड जीतने के बाद यह सेक्टर युवाओं में खासा पॉपुलर हुआ। आप साउंड इंजीनियर, ब्रॉडकास्ट इंजीनियर, साउंड एडिटर एंड मिक्सर, साउंड इफेक्ट एडिटर, म्यूजिक एडिटर, री-रिकॉर्डिंग मिक्सर, स्टूडियो इंजीनियर, डायलॉग एडिटर, लोकेशन साउंड इंजीनियर जैसी पोस्ट पर काम कर सकते हैं।

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस स्पेशलिस्ट
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का मतलब है कृत्रिम तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता। इसमें कंप्यूटर को अलग-अलग परिस्थितियों के अनुसार अपनी प्रतिक्रिया चुनने के लिए प्रोग्राम किया जाता है। कंप्यूटर शतरंज प्रोग्राम इसी का उदाहरण है। इसमें अलग-अलग परस्थितियों के हिसाब से प्रोग्रामिंग की जाती है। इस फील्ड में करियर बनाने के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस या रोबोटिक्स में बैचलर डिग्री की आवश्यकता होती है।

फोटोनिक्स
मेडिकल फील्ड हो या फिर कम्युनिकेशन टेक्नॉलजी सभी जगह फोटोनिक्स एक्सपर्ट की डिमांड है। मेडिकल में लेजर सर्जरी और ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाले उपकरण बनाने में फोटोनिक्स एक्सपर्ट की अहम भूमिका होती है। फिजिक्स की इस सब-फील्ड में फोटॉन्स का इस्तेमाल कर नई टेक्नॉलजी विकसित की जाती है। इस टेक्नॉलजी का इस्तेमाल लेजर सर्जरी, फोटोग्राफी, रोबोट को आंखे देने आदि में होता है।

 


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