20 शिक्षण संस्थानों की डिग्री को मान्यता देने संबंधी विधेयक से छात्रों को मिलेगा लाभ : जावड़ेकर

Friday, Jul 27, 2018 - 09:41 AM (IST)

नई दिल्लीः मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि देश के बीस विश्वविद्यालयों में बीएड सहित शिक्षण प्रशिक्षण की विभिन्न डिग्रियों को मान्यता दिलाने के लिए ही सरकार राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (संशोधन) विधेयक लेकर आई है। उन्होंने उच्च सदन में इस विधेयक को चर्चा के लिए पेश करते समय यह बात कही। इस विधेयक को लोकसभा में पहले ही पारित किया जा चुका है। 

 

उन्होंने कहा कि देश भर में लगभग दस हजार बीएड डिग्रीधारकों की डिग्री अमान्य घोषित किये जाने के संकट से बचाने के लिये कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षक प्रशिक्षण स्नातक (बीएड) पाठ्यक्रम के 10 हजार डिग्रीधारकों के हाल ही में हुए आंदोलन पर संज्ञान लेते हुये मंत्रालय ने इनकी डिग्री की मान्यता बरकरार रखने के लिये कानून में पूर्वप्रभाव से संशोधन करने का प्रस्ताव किया है। 

 

उन्होंने कहा कि बीएचयू और एएमयू सहित केन्द्रीय और राज्य विश्विद्यालयों के तहत संचालित 20 संस्थानों ने इन छात्रों को दाखिला देने के बाद बीएड पाठ्यक्रम की मान्यता के लिये आवेदन किया था। साल 2015-16 तक बिना मान्यता लिये पाठ्यक्रम संचालित करने वाले संस्थानों से उत्तीर्ण हुए बीएड डिग्रीधारकों की डिग्री को पूर्व प्रभाव से मान्य घोषित करने के लिए एनसीटीई कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। 

 

उन्होंने छात्रों के व्यापक हित को देखते हुये सदन से इस विधेयक पर चर्चा कर पारित करने की अपील की। विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुये भाजपा के डी पी वत्स ने कहा कि संशोधन प्रस्ताव में सरकार द्वारा संचालित संस्थानों की डिग्री को विधिमान्य घोषित करने का प्रावधान तो है लेकिन उन छात्रों की समस्या अभी भी बरकरार रहेगी जिन्होंने निजी संस्थानों से बीएड डिग्री हासिल की है। उन्होंने निजी संस्थानों को भी संशोधन प्रस्ताव में शामिल करने का सुझाव दिया।  

Sonia Goswami

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