CBSE: 10वीं में बोर्ड की परीक्षा फिर से होगी अनिवार्य

Thursday, Oct 20, 2016 - 04:26 PM (IST)

नई दिल्ली: अब जल्द ही सेंटर बोर्ड ऑफ सीनियर सेकेंड्री स्कूल (CBSE) की 10वीं में फिर से बोर्ड परीक्षा को अनिवार्य किया जा सकता है। केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की बैठक 25 अक्टूबर को होगी, जिसमें यह प्रस्ताव लाया जा सकता है।

कई नए प्रस्ताव-
मंत्रालय ने मंगलवार को केब बैठक की कार्य सूची में कुछ नए प्रस्ताव जोड़े हैं। जिसमें दसवीं में बोर्ड परीक्षा अनिवार्य करने की बात भी शामिल है। केब बैठक की संशोधित कार्यसूची के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विस्तृत चर्चा होगी, जिनपर राज्यों का विचार जानने के बाद सरकार आगे कदम बढ़ाएगी।

विशेषज्ञों का विरोध-
शिक्षा विशेषज्ञ इस व्यवस्था का लगातार विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे छात्रों को नुकसान हो रहा है। अगर 10वीं में बोर्ड होगा तो बच्चे खुद को 12वीं की परीक्षा के लिए बेहतर तैयार कर पाएंगे।

आंगनबाड़ी को प्री-स्कूलिंग में बदलेंगे-
इस बैठक में एक अन्य प्रस्ताव पर भी चर्चा होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केंद्रों को स्कूलों के निकट स्थापित करने की योजना है। आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री-स्कूलिंग केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। लेकिन इसके लिए सबसे पहले उन्हें स्कूलों में या स्कूलों के साथ खोलना होगा। दरअसल, इसी बैठक में शिक्षा के अधिकार कानून को प्री-प्राइमरी तक विस्तारित करने का भी प्रस्ताव है।

उधर, इसे 8वीं की बजाय 10वीं तक किया जाएगा। ऐसे में सरकार की योजना आंगनबाड़ी केंद्रों के उपयोग की है। महिला एवं बाल विकास मंत्री और अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहेंगे।

ऐसा और कहीं नहीं-
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सी.बी.एस.ई.) को छोड़कर किसी भी बोर्ड में 10वीं की परीक्षा वैकल्पिक नहीं है।कपिल सिब्बल ने लागू किया था: 2011 में यूपीए-2 के कार्यकाल में सतत एवं समग्र मूल्यांकन नियम शुरू किया गया था। तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने इसके तहत 10वीं में बोर्ड परीक्षा को वैकल्पिक बना दिया था।

2017 से पुनर्मूल्यांकन नहीं-
12वीं के छात्र 2017 से किसी भी विषय का पुनर्मूल्यांकन नहीं करवा सकेंगे। सीबीएसई के अनुसार बहुत कम छात्र होते हैं जिनकी पुनर्मूल्यांकन वास्तविक पाई जाती है।
 

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